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Monday 9 January 2017 05:37:15 AM
जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर के शिवाजी मैदान में गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम में भाग लिया और संगत को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने आदर्शों एवं सिद्धांतों से देश पर बहुत बड़ा उपकार किया है, इस तरह की मिसालें इतिहास में बहुत ही कम देखने को मिलती हैं, इसलिए यह बहुत ही पवित्र मौका है, जो हम सब गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व का वर्ष मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के जीवन का जोड़ मिलना बहुत मुश्किल है, ईश्वर भी एक ही व्यक्ति में अनेक प्रकार के गुण बहुत कम ही देता है, जो उनमें थे, उनका ऐसा ही बहुआयामी व्यक्तित्व था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक युगपुरुष थे। उन्होंने कहा कि निस्संदेह गुरु गोविंद सिंह अपने कालखंड के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक थे, उन्होंने एक भाषा में नहीं, बल्कि संस्कृत, ब्रज, गुरुमुखी, हिंदी, फारसी सहित कई भाषाओं में साहित्य का सृजन किया है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति पटना में जन्म लेता है, आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना करता है और ब्रज बोली के शुद्धिकरण का काम करता है, कितना यशस्वी व्यक्तित्व होगा गुरु गोविंद सिंह का! भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वीरता में गुरु गोविंद सिंह का कोई सानी नहीं था, उनके जैसा योद्धा सहस्र सालों में शायद ही कभी पैदा होता है, उनकी वीरता के जितने भी वर्णन हैं, वे अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि जब एक 9 साल का बच्चा गुरु तेग बहादुर जैसे प्रचंड व्यक्तित्व वाले अपने पिता को देशहित में आत्मबलिदान की प्रेरणा देता है, तभी मालूम पड़ जाता है कि वह बच्चा गुरु गोविंद सिंह हैं।
अमित शाह ने कहा कि देश के हजारों साल के इतिहास में एक ही वीर बलिदानी ऐसा है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने चारों बेटों का बलिदान दे दिया, उनके चार पुत्रों में से दो साहबजादे चमकौर की लड़ाई में शहीद हुए, जबकि दो बेटों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया। एक मार्मिक प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब छोटे बेटे को दीवार में चुनवाया जा रहा था तो अपने बड़े भाई की आंखों में आंसू देख उन्होंने कहा कि हम सिंह की संतान हैं, फिर आंखों में आंसू क्यों? तो बड़े भाई ने जवाब दिया कि धर्म के रास्ते पर पहले बड़े भाई के बलिदान के बदले छोटे का बलिदान हो रहा है, इसीलिए मेरी आंखों में आंसू आ गए! उन्होंने कहा कि अभी तो दाढ़ी भी नहीं आई थी, लेकिन ये वीरता भरी वाणी गुरु गोविंद सिंह के सुपुत्रों की ही हो सकती है और किसी की नहीं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना करके देश की रक्षा करने का काम जो दशम गुरु ने किया है, देश उसको कभी भुला नहीं सकता।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना करके एक साथ कई काम किए, उन्होंने सिखों को वीरता की प्रेरणा दी, देश को स्वतंत्रता एवं आध्यात्मिकता का संदेश दिया, दसों गुरुओं की गुरुवाणी को शब्द देने का काम भी उन्होंने ही किया, राष्ट्रीय एकता और अखंडता को अक्षुण रखने के साथ-साथ उन्होंने जाति-पाति के भेदभाव को मिटाने का काम भी किया। अमित शाह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने देश के अलग-अलग हिस्से से अलग-अलग जाति और संप्रदाय से पंच प्यारे पसंद करके राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। उन्होंने पूरे देश में राष्ट्रीय एकता का अलख जगाने का काम किया, ताकि देश, धर्म और समाज पर जो विपत्ति आन पड़ी है, उसका डटकर मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा स्थापित वही पंथ इतने साल बाद भी देश और दुनिया को एकता और ज्ञान का प्रकाश दे रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने पांच 'क' के माध्यम से देश और समाज को एक साथ एकता, स्वच्छता, दृढ़ता, संयम और वीरता का संदेश दिया कि हमें किस तरह से मिलजुल कर रहना चाहिए और देश की एकता-अखंडता के लिए लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के लोग जहां कहीं भी हैं, वे घुल-मिलकर समानता में विश्वास के साथ रहते हैं, देश के अन्न भंडार भरने की बात हो या फिर सीमा की सुरक्षा की बात, सिख भाइयों ने हमेशा अपनी मेहनत और पराक्रम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का श्रेय पंजाब के सिख भाइयों को जाता है, देश की सीमा की सुरक्षा का सेहरा भी हमारे सिख भाइयों पर बंधा है। उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा तो बहुत बाद में आया, लेकिन गुरु गोविंद सिंह की प्रेरणा से ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा सिखों ने अपनी आत्मा में बसाया हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ का जो बीज आनंदपुर साहिब में बोया था, आज वह 300-325 साल बाद बटवृक्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में खालसा का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि गुरु गोंविद सिंह, शिवाजी महाराज और राजपूताने ने औरंगज़ेब के जुल्मी शासन के खिलाफ एक साथ आवाज़ बुलंद की थी। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर से लेकर महाराजा रणजीत सिंह तक सबने सिख साम्राज्य को दृढ़ करने का काम किया, हरियाणा से लेकर कश्मीर, अफगानिस्तान तक पूरा का पूरा प्रदेश एकछत्र महाराजा रणजीत सिंह शासन में था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह दशम गुरु के प्रेरणा से ही हुआ है कि देश के कई राज्यों में आज भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगियों की सरकार है।
अमित शाह ने कहा कि जब दशम गुरु का 350वां साल आया, तब भाजपा की केंद्र सरकार ने तय किया कि पूरे देश में हर जगह, चाहे वहां सिख रहते हों या नहीं, देश के हर कोने में गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश वर्ष को मनाने के लिए भाजपा सरकारें सरकारी तौर पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी, जिसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं भी उस कमेटी का एक सदस्य हूं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़े सभी स्थानों के पुर्नरुद्धार एवं उनके संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए का एक बजट निर्धारित किया है, सभी राज्य सरकारें भी अपने राज्य में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश वर्ष को धूमधाम से मना रही हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह का जीवन आने वाले हजारों साल तक न केवल सिखों के लिए, न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अदम्य प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अपने देश के लिए कैसे जिया जा सकता है, सामाजिक सुधार कैसे लाए जा सकते हैं, समाज को समरस कैसे बनाया जा सकता है, भाषाओं का उद्धार कैसे किया जा सकता है, भाषाओं के माध्यम से व्यक्ति की आत्मा का विस्तार कैसे किया जा सकता है, आध्यात्मिकता को सरलता से जीवन में कैसे लाया जा सकता है, बलिदानी कैसे बन सकते हैं और हंसते-हंसते हार न मानते हुए देश की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए अपने पूरे परिवार का बलिदान कैसे कर सकते हैं, यदि यह सीखना और समझना हो तो उसे गुरु गोविंद सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने लोगों से खासला पंथ और 'विचित्र नाटक' से सीख लेने की प्रेरणा दी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह का जीवन इतना प्रकाश फैलाता है कि 350 साल बाद भी वह प्रकाश आज भारत को वीरता और एकता से चकाचौंध कर देता है, आश्चर्यचकित कर देता है कि एक व्यक्ति का जीवन ऐसा सरल और यशस्वी कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले हजारों साल तक गुरु गोविंद सिंह का जीवन देश की रक्षा, भक्ति, साहित्य, धर्म, और अपनी आत्मा की ऊंचाई के लिए जीने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए अक्षय प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि मुझे पवित्र संगत का दर्शन करने का मौक़ा मिला, यह मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है। ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ और ‘वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी दी फतेह के जयघोष के साथ उन्होंने अपना उद्बोधन समाप्त किया।