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Friday 20 January 2017 01:22:00 AM
बिजनौर। बिजनौर पुलिस ने दावा किया है कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के विभिन्न थानों की पुलिस ने अपराधियों और अवैध शस्त्रों के खिलाफ जो अभियान चलाया है, उसमें भारी संख्या में अवैध असलहों, उनके निर्माण की फैक्ट्रियां मिलीं हैं और उनसे संबंधित कई अपराधियों की गिरफ्तारियां की गई हैं। पुलिस अधीक्षक बिजनौर अजय कुमार साहनी ने बताया कि अपराध नियंत्रण अभियान के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक नगर और ग्रामीण के निर्देशन में क्षेत्राधिकारी धामपुर के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने यह अभियान चलाया।
पुलिस अधीक्षक बिजनौर ने बताया कि फतेहपुरलाल उर्फ उदुपुरा के जंगल से एक शातिर अपराधी नासिर पुत्र पीरू निवासी सोलन थाना नूरपुर जनपद बिजनौर को अवैध शस्त्रों और शस्त्र बनाने वाले उपकरणों सहित गिरफ्तार किया गया तो उसने पूछताछ में बताया कि थाना चांदपुर क्षेत्रांतर्गत नूरपुर रोड पर ग्राम बिराल नहर पुलिया के पास जंगल में तेज सिंह व यादराम तमंचे बनाने और बेचने का काम कर रहे हैं तथा इसी प्रकार थाना किरतपुर क्षेत्रांतर्गत मंडावर रोड पर मालन नदी के पास जंगल में कैराना निवासी इरफान एवं नगीना क्षेत्रांतर्गत रायपुर तिराहे के जंगल में सर्वेश तमंचे बनाने और बेचने का काम कर रहे हैं। धामपुर पुलिस ने यह सूचना संबंधित थानों को दी और थाना चांदपुर, किरतपुर और नगीना पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बड़े पैमाने पर गैर कानूनी हथियारों की बरामदगी की।
थाना किरतपुर पुलिस ने इरफान, शमशाद, लियाकत, शाहिद को अवैध असलहों और असलाह बनाने के उपकरणों सहित गिरफ्तार किया है। थाना नगीना पुलिस ने रायपुर तिराहे के निकट जंगल से शातिर अपराधी सर्वेश कुमार और विपिन कुमार को अवैध असलहों एवं असलाह बनाने की फैक्ट्री सहित गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों का विवरण इस प्रकार है-नासिर पुत्र पीरू निवासी सोलन थाना नूरपुर। तेज सिहं पुत्र सोनाथ सिंह ग्राम चेहलापुर थाना नूरपुर। यादराम पुत्र भूप सिंह मौहम्मद इस्लामनगर थाना नूरपुर बिजनौर। इरफान पुत्र अतीक निवासी नंगला थाना कैराना जनपद शामली। शमशाद पुत्र हसीनुद्दीन निवासी ग्राम उमरी थाना किरतपुर। लियाकत पुत्र हफीज निवासी ग्राम उमरी थाना किरतपुर। शाहिद पुत्र शफीक निवासी ग्राम उमरी थाना किरतपुर। सर्वेश कुमार पुत्र तुलसी सिंह निवासी सैदखेड़ी थाना नगीना। विपिन कुमार पुत्र महेंद्र सिंह निवासी बांकपुर थाना कोतवाली देहात बिजनौर। इनके पास से 4 रिवाल्वर 32 बोर, 2 बंदूक, 2 रायफल, 1 पिस्टल 32 बोर, 80 तमंचे 12 बोर, 87 तमंचे 32 बोर सहित कुल 176 बने तथा भारी मात्रा में नाल, बॉडी और उपकरण बरामद हुए हैं।
अपराधियों ने गहन पूछताछ में खुलासा किया है कि वे काफी दिनों से एक दूसरे के संपर्क में रहकर अवैध शस्त्रों को बनाने और बेचने का कार्य कर रहे थे। वे 12 बोर का तमंचा 5,000 हजार रुपए में, 315 बोर का तमंचा 6,000 हजार रुपए में, बंदूक व रायफल 30,000 हजार रुपए में तथा रिवाल्वर व पिस्टल 40,000 हजार रुपए में बेचते थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि जनपद बिजनौर के अलावा जनपद मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, अमरोहा, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, कोटद्वार से असलहों की भारी मांग की जा रही थी, इसके अतिरिक्त वन क्षेत्रों में बसे लोगों ने जंगली जानवरों से बचने के लिए अवैध असलहों की काफी मांग थी। रिवाल्वर व पिस्टल के बारे में पूछने पर बताया कि रिवाल्वर और पिस्टल कुख्यात शाह आलम व शाहनवाज़ निवासी कनकपुर थाना नजीबाबाद बिजनौर से खरीदते थे। पुलिस का कहना है किअभियुक्तगण शातिर किस्म के अपराधी हैं, जिनके आपराधिक इतिहास की जानकारी जनपद और आसपास के जनपदों से की जा रही है। पुलिस पार्टियों के उत्साहवर्धन हेतु पुलिस महानिरीक्षक बरेली जोन ने 15,000 हजार रुपए नगद पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है।
बिजनौर पुलिस को बड़े पैमाने पर मिले हथियारों के संबंध में कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। पुलिस के पास इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं है कि विभिन्न थाना क्षेत्रों में इतने बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों का निर्माण और उनका बेचना क्या एक दो दिन का काम है? इससे पहले जो ऐसे अभियान चले, उनमें ये बरामदगियां संभव क्यों नहीं हो सकीं, जबकि बिजनौर पुलिस के पास मुखबिरों, अभिसूचना अधिकारियों और सुरागरसी के लिए पर्याप्त बल मौजूद है, जिसके नाम पर भारी मात्रा में खर्च भी दिखाया जाता है। कहने वाले कह रहे हैं कि ये पुलिस के संरक्षण में चल रहे संगठित अपराध से ज्यादा कुछ नहीं है, पुलिस को पता है कि कहां क्या हो रहा है और चुनाव के मौके पर नाम कमाने के लिए पुलिस ने इसे अपराध नियंत्रण अभियान का नाम दिया है।