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Monday 6 February 2017 04:01:33 AM
बेंगलूरू। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बेंगलूरू में एक कार्यक्रम में देश में मीज़ल्स रूबेल टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। इन दो बीमारियों के खिलाफ अभियान पांच राज्यों और संघशासित प्रदेशों कर्नाटक, तमिलनाडू, पुद्दुच्चेरी, गोवा और लक्षद्वीप से शुरू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत करीब 3.6 करोड़ बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। टीकाकरण अभियान के बाद मीज़ल्स रूबेल टीका नियमित रोग प्रतिरक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जो वर्तमान में दी जा रही मीज़ल्स की खुराक का स्थान लेगा। इस समय यह खुराक दो बार यानी 9-12 महीने और 16-24 महीने की आयु के बच्चों को दी जाती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इस अवसर पर कहा कि सरकार देश को चेचक यानी मीज़ल्स और हलका खसरा यानी रूबेल से मुक्त करने के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस काम में राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, गेट्स फाउंडेशन, लायंस क्लब, आईपीए, आईएमए आदि विकास भागीदारों को शामिल करेगी। एमआर अभियान का लक्ष्य देशभर में करीब 41 करोड़ बच्चों को लाभ पहुंचाना है, इन सभी की आयु 9 महीने से 15 वर्ष के बीच है।
टीकाकरण के अवसर पर केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्री सदानंद गौडा, केंद्रीय संसदीय कार्य, रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, कर्नाटक सरकार के चिकित्सा शिक्षामंत्री डॉ शरणप्रकाश रूद्राप्पा पाटिल, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री केआर रमेश और जाने-माने अभिनेता रमेश अरविंद ने अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संचार सामग्री का विमोचन किया। कार्यक्रम में डॉ अरुण के पंडा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एएसएमडी एससी खुंटिया, कर्नाटक की मुख्य सचिव डॉ शालिनी रजनीश, प्रधान सचिव कर्नाटक वंदना गुरनानी, जेएस (आरसीएच, आईईसी) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विकास भागीदारों के प्रतिनिधि शामिल थे।