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Tuesday 7 February 2017 05:44:54 AM
पुणे। पुणे में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने संस्थान के छह स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रमों को स्नातकोत्तर डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान कर दी है। इस कदम से एफटीआईआई शिक्षा के एक नए दायरे में पहुंच गया है, जहां छात्रों को भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। एफटीआईआई 2011 से प्रयास कर रहा था कि उसके कुछ कार्यक्रमों को स्नातकोत्तर डिग्री की मान्यता प्राप्त हो जाए। भारतीय विश्वविद्यालय संघ की चार सदस्यीय समिति ने हाल ही में एफटीआईआई का दौरा किया था, जहां उन्हें विभागाध्यक्षों और शिक्षकों ने समस्त जानकारियां दी थीं तथा एक प्रेजेंटेशन भी समिति के समक्ष पेश किया था। समिति ने अध्ययन और तकनीकी विभागों का भी दौरा किया था तथा परिसर में छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।
एफटीआईआई के अध्यक्ष गजेंद्र चौहान तथा एफटीआईआई अकादमिक परिषद के सदस्य पवन मानवी और राजन वेलुकर ने एफटीआईआई के बारे में समिति को विस्तारपूर्वक अवगत कराया। एफटीआईआई के प्रतिष्ठित पुरा छात्र विधू विनोद चोपड़ा, सतीश शाह, टॉम एल्टार, अमिताभ शुक्ला, महेश अनय, बिश्वदीप चटर्जी और सिद्धार्थ तातूसकर भी प्रेजेंटेशन के समय उपस्थित थे। कार्यक्रम दो और तीन वर्ष के हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है-सिनेमाटोग्राफी, संपादन, निर्देशन एवं पटकथा लेखन, साउंड रिकॉर्डिंग एवं साउंड डिज़ाइन, कला निर्देशन एवं प्रोडक्शन डिजाइन और अभिनय। एफटीआईआई के अध्यक्ष गजेंद्र चौहान ने संस्थान के छह स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रमों को स्नातकोत्तर डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। गौरतलब है कि एक समय इन्हीं गजेंद्र चौहान की संस्थान के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के खिलाफ यहां के कतिपय छात्रों, सिनेमा के कई कलाकारों और राजनीतिक दलों ने बहुत धरना प्रदर्शन किए थे। इनके पहले के अध्यक्ष संस्थान को यह उपलब्धि दिलाने में असफल रहे हैं।