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Monday 20 February 2017 12:23:39 AM
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले और दूसरे तीसरे चरण में समाजवादी पार्टी के सबसे आगे होने का दावा करते हुए कहा है कि साइकिल का मुकाबला किसी पार्टी से नहीं है, सबका मुकाबला साइकिल से है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार पर लोगों का भरोसा है और बिना भेदभाव के सपा सरकार ने काम किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अच्छे दिन वालों ने सबको लाइन में लगा दिया, लाइन में लगे कइयों की मौत हो गई, उनकी मदद समाजवादी सरकार ने की है, बीजेपी ने नहीं। उन्होंने कहा कि पैसा काला सफेद नहीं होता है, हमारा-आपका लेन-देन काला-सफेद होता है, गरीब किसान को काला सफेद के बारे में क्या पता, वो तो ईमानदारी से काम करना जानते हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं हमने कांग्रेस से दोस्ती कर ली तो ठीक है, यह दो युवाओं का गठबंधन है, जिसके पीछे बड़ा दिल और बड़े मन की सोच है, बड़े दल से दोस्ती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोगों के बीच भ्रम खत्म हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम साहब 1984 की बात करते हैं, वे इतना पीछे क्यों जाते हैं, फिरोजाबाद की बात ही याद दिला देते, तब भी हमें कांग्रेस ने चुनाव में हराया था। उन्होंने कहा कि साइकिल के आस पास न हाथी है न कमल। उन्होंने कहा कि हमने जो एक्सप्रेस-वे बनाया है, बीजेपी वाले एक बार उस पर चलकर देख लें तो फिर वे समाजवादी पार्टी को ही वोट देंगे। उन्होंने कहा कि वे इस सड़क को करहल से दिल्ली तक पहुंचाएंगे, हम इस सड़क के किनारे मंडिया बनाएंगे, ताकि स्थानीय किसानों का फायदा हो सके।
अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति का रास्ता बहुत टेढ़ा है, चलते-चलते कब खाई आ जाए पता नहीं चलता। उन्होंने कहा कि मेरी कड़ी परीक्षा ली गई है, लेकिन मैंने परिस्थिति के हिसाब से फैसला लिया। उन्होंने कहा कि हम युवाओं के लिए, किसानों के लिए और अधिक लाभ की योजनाएं लाएंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सांप्रदायिकता के विरूद्ध हैं, हम धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के अब तक के प्रदर्शन से काफी उत्साहित हैं और सपा गठबंधन सत्ता में आ रहा है, यह बात और लोग भी कह रहे हैं। लोगों का अभिमत है कि शुरूआती समय में मतदाताओं में सपा के प्रति आशंकाएं थीं, लेकिन सपा के कांग्रेस से गठबंधन के बाद स्थितियां एकदम उलट गईं और विश्वास किया जा रहा है कि अखिलेश यादव की सत्ता में वापसी हो रही है।