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Monday 27 February 2017 05:26:42 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने मेधावी छात्र-छात्राओं को पदक एवं डिग्रियां प्रदान कीं। राज्यपाल ने इस मौके पर कहा कि शिक्षण संस्थानों को क्लासरूम तथा ग्रेडिंग सिस्टम के दायरे से निकलकर युवाओं की मौलिक कल्पनाशीलता को अर्जित करना होगा। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, इस दृष्टि से विश्वविद्यालय तथा शिक्षकों का दायित्व है कि वे राष्ट्रनिर्माण के लिए युवाओं का व्यक्तित्व विकास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पुस्तक ज्ञान से आगे सोचने और जिज्ञासु बनने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करना होगा, ताकि उनमें रचनात्मकता विकसित हो।
राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने कहा कि विद्यार्थियों का दृष्टिकोण विस्तृत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न संकायों को संबंधित विषय के आधुनिक और समसामयिक ज्ञान के प्रति छात्रों को सजग कराना चाहिए और इन विषयों से संबंधित कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों का नियमित रूपसे समय-समय पर मूल्यांकन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि छात्र अपने जीवन और शिक्षा का उद्देश्य सदैव बड़ा रखें और अपने विषय पर शोध करें, अनुसंधान के माध्यम से वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के वास्तविक ज्ञान को विषयों का न केवल अध्ययन अपितु शोध भी विस्तार देते हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक, छात्रों को उत्कृष्ट रूपसे आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान और रचनात्मकता के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें, अनुसंधान हमें नए प्रौद्यौगिक विकास की ओर बढ़ाते हैं।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय ने छात्रों की रूचि अनुसार क्षेत्रीय स्तर पर अनेक कोर्स उपलब्ध कराए हैं, जिनसे छात्रों को विभिन्न रोज़गारपरक कोर्स करने की सुविधा मिली है, छात्रों को इन विषयों के अध्ययन के लिए राज्य से बाहर जाने की भी आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र के भाग्य निर्माण में शिक्षा की निर्णायक भूमिका होती है, वास्तविक शिक्षा वही है, जो व्यक्ति का चरित्र निर्माण करती है, क्योंकि इससे ही राष्ट्र की नींव मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है कि विवि सच्ची भावना से शिक्षा को बढ़ाएं और छात्रों को पेशेवर कौशल के साथ-साथ संवेदनशील जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करने वाली शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि हमारे सपनों का राष्ट्र निर्माण करने के लिए हमें प्रतिबद्व और सक्षम व्यक्ति की जरूरत है, विवि को दृढ़ चरित्र वाले छात्र-छात्राओं का निर्माण करना होगा, जिसके लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सैद्धांतिक मूल्यों को संजोए रखने की आवश्यकता है।
डॉ कृष्णकांत पाल ने कहा कि छात्रों के लिए स्नातक के बाद निजी क्षेत्र में कई संभावनाएं हैं, जिन्हें स्नातकों को खोजने की जरूरत है, इसके अलावा छात्रों को खुद उद्यमी बनकर कोशिश करनी चाहिए कि वह रोज़गार ढूंढने वाला बनने की बजाए, रोज़गार प्रदाता बनें। राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह युग परिवर्तन, नवीनता एवं स्पर्धा का है, कई व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए महान उपलब्धियां पाना ज्ञान, नवीन दृष्टिकोण और उच्च डिग्रियों के कारण ही संभव हुआ है। छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया उत्कृष्टता का सम्मान करती है, जो डिग्रियां उन्होंने हासिल की हैं, यह उनके बेहतर जीवन जीने के लिए एक टिकट है, इस टिकट के दम पर वे दुनिया में बदलाव ला सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनको कड़ी मेहनत करनी होगी।