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Monday 6 March 2017 05:24:25 AM
नागपुर। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार अपने परमाणु कायर्क्रम को उत्तर भारत में लाई है, इससे पहले परमाणु कार्यक्रम दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों या फिर देश के मध्य भाग में ही सीमित थे। परमाणु खनिज अनुसंधान एवं अन्वेषण निदेशालय के केंद्रीय क्षेत्रीय मुख्यालय नागपुर के अपने दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से हरियाणा के गोरखपुर में परमाणु संयंत्र की स्थापना की जा रही है, इसके दो-तीन साल में चालू हो जाने के बाद कम कीमत पर प्रति यूनिट 6 रुपए की दर से बिजली पैदा करने में हम सक्षम हो जाएंगे।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि राजधानी के प्रगति मैदान में एक न्यूक्लियर हॉल बनाने की पहल की गई है। उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग का मुख्यालय मुंबई में है और परमाणु ऊर्जा संबंधी अधिकतर कार्यक्रम दक्षिणी एवं पश्चिमी राज्यों में ही सीमित हैं, इसलिए सरकार ने परमाणु कार्यक्रमों में किए जा रहे विस्तार और अन्य पहलों के बारे में आम लोगों को बताने के लिए प्रगति मैदान में इस तरह के हॉल बनाने की पहल की है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि परमाणु कार्यक्रमों की शुरुआत इसके जनक डॉ होमी जहांगीर भाभा ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए की थी, आज मोदी सरकार के शासनकाल में उनके उद्देश्य का सही प्रतिपालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विचार-विमर्श को अपने एजेंडे में प्राथमिकता दी है, उन्होंने अपने हर विदेशी दौरे में ऐसे कई समझौते किए हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री के इन प्रयासों से देश में परमाणु कार्यक्रम बढ़े हैं और भारतीय परमाणु वैज्ञानिकों का हौसला ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ इतना, बल्कि केंद्र सरकार ने लीक से हटकर पीयूएस के लिए भारतीय परमाणु ऊर्जा कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ भागीदारी कर संयुक्त उपक्रम स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। इस मौके पर एएमडी के निदेशक डॉ एलके नंदा ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में यूरेनियम के नए भंडार की खोज के लिए चल रही गतिविधियों के बारे में बताया। इन राज्यों एवं क्षेत्रों में चंडीगढ़, ओडिशा और मेघालय शामिल हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने एएमडी में काम करने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी और कहा कि आज हमारे पास यूरेनियम का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है, जिसमें आने वाले दिनों में कई गुना वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सरकार देश के वैसे भागों में भी यूरेनियम की खोज करने की इच्छुक है, जिन क्षेत्रों में अब तक इस तरह की कोई गतिविधियां शुरू नहीं की गई हैं।