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Saturday 1 April 2017 05:58:25 PM
खरगौन (मध्य प्रदेश)। केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भारतीय फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में रेघवन गांव में शौचालयों के गर्त खाली करने का एक अभियान शुरू किया। नरेंद्र सिंह तोमर और अक्षय कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया और गांव के एक घर में जाकर शौचालय के भरे हुए गर्त को खाली करने का काम शुरू किया। उन्होंने अपने हाथों से करके दिखाया कि शौचालय से कैसे कम्पोस्ट बनता है। उन्होंने ग्रामवासियों को समझाया कि दो गर्त शौचालय मॉडल का यह प्रयोग पूरी तरह सुरक्षित है और इसके साथ कोई कलंक भी नहीं जुड़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में रेडियो पर अपने लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात में तेलंगाना के वारंगल जिले में इसी तरह की कवायद की सराहना की थी। उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बद्ध विख्यात व्यक्तियों का आह्वान किया था कि वे ‘वेस्ट टू वेल्थ’ यानी ‘कचरे से सम्पदा’ शौचालय प्रौद्योगिकी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आएं। स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत द्विगर्त शौचालय प्रौद्योगिकी को सर्वाधिक वरीयता दी जा रही है, जो सुरक्षित और कम लागत वाली प्रौद्योगिकी है, इसे सभी ग्रामीण परिवारों में बढ़ावा दिया जा रहा है।
स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस संबंध में उपलब्ध जानकारी पर कहा कि द्विगर्त शौचालय प्रणाली में एक मानक गड्ढा पांच से छह वर्ष में भर जाता है और परिवार के सदस्यों द्वारा मल को सरलता से दूसरे गर्त में मोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अगले छह महीने से एक वर्ष के भीतर पहले गर्त में एकत्र कचरे का कम्पोस्ट तैयार हो जाता है, जिसमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फासफोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, ये खेती के लिए उपयोगी खाद के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह कवायद कचरे को धन में बदलने का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने राज्य सरकारों और समाज में प्रभावशाली लोगों का आह्वान किया कि वे इन तथ्यों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करें। उन्होंने इस दिशा में अक्षय कुमार द्वारा की गई शुरुआत की सराहना की।
अभिनेता अक्षय कुमार ने मानव मल से तैयार कम्पोस्ट से जुड़ी भ्रांतियों, पूर्वाग्रहों और लांछनों का निराकरण किया। उन्होंने कहा कि ऐसी सुरक्षित शौचालय प्रौद्योगिकी को अवश्य अपनाया जाना चाहिए। केंद्रीय स्वच्छता मंत्री और अक्षय कुमार के बाद मध्य प्रदेश से सांसद सुभाष पटेल, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर, मध्य प्रदेश पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गांव में अन्य शौचालय गर्त को खाली करने की प्रक्रिया शुरू की।