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Tuesday 4 April 2017 11:15:00 AM
बिजनौर। बिजनौर पुलिस ने डकैतों के अंतर्राज्यीय गिरोह कच्छा बनियानधारी और छैमार गिरोह के तीन शातिर सदस्यों को एक मुठभेड़ में डकैती चोरी और लूटी गई नकदी, जेवरात और अवैध शस्त्रों सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक बिजनौर ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार वसीम उर्फ राज पुत्र मोटा उर्फ याकूब, सुहैल उर्फ सिंघम पुत्र मोटा उर्फ याकूब और मोहम्मद मियां पुत्र इंतजार शातिर किस्म के अपराधी हैं और शामली जिले के कैराना के आर्यपुरी के निवासी हैं, मगर इनके खिलाफ बिजनौर जिले के नजीबाबाद, नगीना, धामपुर और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के मंगलौर थाने में संगीन धाराओं में कई-कई गंभीर मुकद्में दर्ज हैं, बाकी और भी पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने और किन राज्यों में कहां-कहां किन अपराधों को अंजाम दिया है। पुलिस महानिरीक्षक बरेली जोन ने इन्हें गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को उसके उत्साहवर्धन हेतु 15,000 रुपए के नकद ईनाम प्रदान करने की घोषणा है।
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने बताया कि इसी 3 तारीख़ को प्रभारी निरीक्षक थाना किरतपुर राजेंद्र कुमार नागर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि किरतपुर-नजीबाबाद बॉर्डर पर कुछ बदमाश देखे गए हैं, जिन्होंने एक सप्ताह पूर्व नजीबाबाद में डकैती डाली थी और फिर किसी वारदात की फिराक में हैं। इस सूचना पर किरतपुर और नजीबाबाद के प्रभारी निरीक्षक स्वाट सर्विलांस टीम लेकर रवाना हुए और संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए थाना नजीबाबाद के जंगल में बदमाशों से मुठभेड़ शुरू हो गई। बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग खोल दी, जिसमें एक बदमाश और थाना किरतपुर का आरक्षी अमित कुमार गोली लगने से घायल हो गया। घायल बदमाश को पकड़ लिया गया, जबकि उसके साथी बदमाश भाग गए। घायल बदमाश वसीम उर्फ राज को गंभीर हालत में मेरठ मेडिकल कॉलेज भेज दिया दिया गया और आरक्षी को प्राइवेट अस्पताल में इलाज हेतु भेज दिया गया। पुलिस ने बाद में इन तीन कुख्यात बदमाशों को उसी प्रकार मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके गैंग का सरगना वही घायल वसीम उर्फ राज है और वह वर्ष 2012 में थाना भोपा जनपद मुजफ्फरनगर से एक आश्रम में डकैती की घटना में जेल जा चुका है, उसमें दो साधुओं की घटना के दौरान मारपीट के कारण मृत्यु भी हो गई थी।
पुलिस का दावा है कि डकैतों का यह गैंग छैमार के नाम से प्रसिद्ध है। गैंग के सदस्यों के कई हिंदू-मुस्लिम नाम होत हैं। यह गैंग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, मुंबई और मध्यप्रदेश में सक्रिय है। गैंग का तरीका है कि वह अपने घटनास्थल पर यूकेलिप्टस के डंडों सिर पर चोट पहुंचाता है, जिसमें व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। गैंग के सदस्य परिवार की महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। पूछताछ में पता चला कि इन्होंने जनपद बिजनौर में 25/26 मार्च 2017 की रात्रि में थाना नजीबाबाद क्षेत्रांतर्गत ग्राम अकबरपुर चौगांवा में मुन्नू पुत्र हरवंश सिंह के मकान में घुसकर महिलाओं और बच्चों को डंडों से बुरी तरह पीटा जिसमें 2 वर्ष के बच्चे को फर्श पर पटक दिया। शोर मचाने पर बदमाश डराते-धमकाते हुए भाग गए, लेकिन परिवार के सदस्यों ने बहादुरी से बदमाशों का पीछा करते हुए फैसल उर्फ मरासी पुत्र जमालुद्दीन निवासी आर्यपुरी थाना कैराना जनपद शामली को पकड़ लिया। इनसे पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि इनका कोई स्थाई पता ठिकाना नहीं है, ये पूरे भारतवर्ष में फैले हुए हैं। इनके पुरुष खेल तमाशा दिखाने के नाम पर तथा इनकी महिलाएं भीख मांगकर घरों की रैकी करती हैं। ये आपराधिक घटना के पश्चात अपने बाल बच्चों के साथ काफी लम्बी दूरी पर निकल जाते हैं।
अवैध शस्त्रों की बरामदगी का विवरण यह है-एक पिस्टल 32 बोर, 6 जिंदा कारतूस 4 खोखे, 2 तमंचे 315 बोर, 7 जिंदा कारतूस 9 खोखे कारतूस, लूटी गई नगदी से 4700 रूपये और लूटे गए जेवरात आदि बरामद। इनका साथी जो फरार हो गया है वह भी शातिर किस्म का अपराधी बताया गया है। फरार बदमाश मुकीम उर्फ अनस और रहमान की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमों का गठन किया गया है। घटना के अनावरण में पुलिस टीम के जिन सदस्यों का योगदान रहा, वे ये बताए गए हैं-उपनिरीक्षक वीरेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक फतेह सिंह, उपनिरीक्षक अनुराग चौधरी, सिपाही राधेश्याम, सिपाही आदित्य, सिपाही अरविंद कुमार, सिपाही अरविंद पंवार, सिपाही खालिद, सिपाही मनमोहन, सिपाही कमल गुंसाई, सिपाही दुष्यंत कुमार, मुख्य आरक्षी चालक किरनपाल सिंह। थाना किरतपुर और नजीबाबाद की टीम-राजेंद्र कुमार नागर प्रभारी निरीक्षक किरतपुर, तेजेंद्र यादव प्रभारी निरीक्षक नजीबाबाद, सिपाही रविशंकर, सिपाही अमित कुमार, सिपाही हरेंद्र कुमार थाना किरतपुर और सिपाही सोबरन सिंह सिपाही कंचन थाना नजीबाबाद।