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Tuesday 9 May 2017 07:12:59 AM
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कुनकुनी ग्राम में आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित मामलों में रायगढ़ के जिला कलेक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं बिलासपुर के मंडल रेल प्रबंधक नई दिल्ली में केंद्रीय अनुसूचित आयोग के समक्ष पेश हुए। राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग ने जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई की वर्तमान स्थिति की जानकारी आयोग को दें, साथ ही सभी प्रकरणों में अनुसूचित जनजातियों से नियम विरूद्ध ली गई भूमि मूल भूस्वामियों को वापस करने तथा छत्तीसगढ़ राज्य भूराजस्व संहिता की धारा 170 (1 एवं 2) के तहत दर्ज प्रकरणों के अतिशीघ्र निपटान के संबंध में तत्परता से कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को भेजें।
राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने उन्हें यह निर्देश भी दिया है कि जिन मामलों में कलेक्टर की अनुमति से अनुसूचित जनजातियों की भूमि का हस्तांतरण किया गया है, उनमें भूस्वामियों को वास्तव में भुगतान की गई राशि की जानकारी दी जाए और जिन मामलों में कलेक्टर से अनुमति लिए बिना भूमि का हस्तांतरण किया गया है, ऐसे नामांतरणों को रद्दकर मूल भूस्वामियों को भूमि वापस करने की कार्रवाई की जाए। आयोग का कहना है कि यदि भूमि किसी कम्पनी के नाम कर दी गई है तो उसे भी मूल भूस्वामी को वापस किया जाए तथा राजस्व रिकॉर्डों में मूल भूस्वामी का नाम वापस दर्ज किया जाए और बेनामी क्रय की गई संपत्ति की पहचान कर उसे मूल भूस्वामियों को वापस करने की कार्रवाई भी की जाए।
राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे जयलाल राठिया की मृत्यु के संबंध में उपलब्ध परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच करें कि वे मृत्यु से पहले किन व्यक्तियों से मिले थे, कहां-कहां गए थे, उन्हें किन व्यक्तियों ने धमकी दी थी तथा उनकी सुरक्षा को किन लोगों से खतरा था, पुलिस उनकी मोबाइल कॉल डिटेल एवं उनके साथ रहने वाले लोगों से पूछताछ कर इस संबंध में जानकारी जुटाए एवं प्राप्त जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करे एवं पुलिस की कार्रवाई से आयोग को अवगत कराएं। आयोग ने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि जिन प्रकरणों में अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों के साथ छल करके उनकी जमीन अन्य वर्ग के व्यक्तियों ने हस्तांतरित करा ली है, ऐसे मामलों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए और इसकी जानकारी आयोग को भी दी जाए।
राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर से रेलवे साइडिंग हेतु अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की भूमि अधिग्रहण, क्रय विक्रय के संबंध में विस्तार से जानकारी मांगी एवं जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र में 300 एकड़ कुनकुनी जमीन विवाद को प्रकाश में लाने वाले जयलाल राठिया की 17 मार्च को अचानक मौत हो गई थी। समाचारों में कहा गया था कि मृतक आदिवासी किसान नेता ने भूमाफिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और उनके शव का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के कर दिया गया, जिससे संदेह पैदा हुआ।