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Tuesday 20 June 2017 06:11:43 AM
चेन्नई। युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण के नियंत्रक वाइस एडमिरल डीएम देशपांडे और उनकी पत्नी अंजली देशपांडे ने आज चेन्नई के नज़दीक काट्पल्ली में एक समारोह में लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के शिपयार्ड पर भारतीय नौसेना के पहले स्वदेशी निर्मित फ्लोटिंग डॉक एफडीएन-2 पर कुमकुम लगाकर युद्धपोत का जलावतरण किया। समारोह में एल एंड टी के पोत निर्माण विभाग के प्रमुख सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल बी कन्नन और वाइस एडमिरल डीएम देशपांडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एफडीएन-2 के डिजाइन और निर्माण में एल एंड टी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वदेश में बने इस फ्लोटिंग डॉक से 'मेक इन इंडिया' को साकार कर भारत में उपलब्ध क्षमताओं के प्रमाण को और बल मिलेगा।
फ़्लोटिंग डॉक एक स्वदेशी डिजाइन और निर्मित प्लेटफार्म है, जिसमें कला मशीनरी और नियंत्रण प्रणाली लगी हुई है, इसमें 8000 टोंस विस्थापन के युद्धपोतों को डॉक करने की क्षमता है। इसमें उन्नत ऑटोमेटेड ब्लास्ट कंट्रोल सिस्टम के साथ उच्च क्षमता वाला ब्वास्ट पंप भी है। डॉक में एफडीएन-2 के साथ नई प्रौद्योगिकी है, जो खराब मौसम में भी मरम्मत और अन्य गतिविधियों को सुविधाजनक बनाता है। फ्लोटिंग डॉक एफडीएन-2, यार्ड 55000, भारत में डिजाइन और एल एंड टी शिपयार्ड काट्पल्ली में निर्मित है, जो पोत निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता में एक मील का पत्थर है। वाइस एडमिरल डीएम देशपांडे ने इस उपलब्धि के लिए एल एंड टी की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं।