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Saturday 19 August 2017 03:09:44 AM
दिसपुर (असम)। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड और सेंट्रल लोक निर्माण विभाग से कहा है कि वे भारत-बांग्लादेश सीमा के 48.11 किलोमीटर झरझरा क्षेत्रों को सील करने के कार्य को युद्ध स्तर पर पूरा करें। नई दिल्ली में हुई एक बैठक में उन्होंने सीमा सुरक्षा बल को अपनी निगरानी में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने और सीमा पार से कथित आक्रमण और तस्करी पर सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाड़ लगाकर दोनों भौगोलिक सीमा को पूरी तरह से बंद करना होगा, जिससे सीमापार से जारी अवैध गतिविधियां रुकेंगी। बैठक के दौरान एनबीसीसी और सीपीडब्ल्यूडी ने बताया कि असम और बांग्लादेश के बीच 48.11 किलोमीटर के सीमा रहित क्षेत्र में बाढ़ का पानी घटते ही 13.38 किलोमीटर की बाड़ लगा दी जाएगी, हालांकि शेष क्षेत्रों पर बाड़ लगाने के लिए भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि विशेष रूपसे सिलचर क्षेत्र में करीब 3 किलोमीटर लंबी खिंचाव गहरी घाटियों से भरा है और यह देखा जा सकता है कि सिलचर क्षेत्र में 61 अंतराल, 31 धुबरी और 2 अन्य कुल मिलाकर 26.92 करोड़ रुपए इन अंतरों को भरने में लगेंगे। सर्वानंद सोनोवाल ने एनबीसीसी और सीपीडब्ल्यूडी को अक्टूबर से ही बाड़ लगाने का काम शुरू करने के लिए कहा है, ताकि पूरी प्रक्रिया अगले मानसून की शुरुआत से पहले ही पूरी की जा सके।
सर्वानंद सोनोवाल ने मनोचकर-दक्षिण सल्मरा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 15 अगस्त को अपनी यात्रा के दौरान सीमावर्ती बाड़ लगाने की अपनी टिप्पणियों को साझा करते हुए कहा कि डूबने वाले क्षेत्र में कांटेदारतार की बाड़ लग गई है। उन्होंने एनबीसीसी और सीपीडब्ल्यूडी को प्राधिकृत निर्माण एजेंसियों से बाड़ के स्थायित्व के लिए जंकविरोधी मैटीरियल इस्तेमाल करने को कहा। निर्माण एजेंसियों ने आश्वस्त किया कि यहां भूमि अधिग्रहण की भी कोई समस्या नहीं है, जिससे निर्धारित समय के भीतर बाड़ लगाने का कार्य पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने बीएसएफ को भारत-बांग्लादेश सीमा की रक्षा के लिए सिद्ध सीमा का इस्तेमाल करने और सीमा पर सभी अवैध आंदोलनों पर लगाम लगाने के लिए कहा। बीएसएफ ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसने आईआईटी दिल्ली, डीआरडीओ और सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में विकसित नवीनतम तकनीकी समाधानों के उपयोग पर अगस्त में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा होगी। मुख्यमंत्री ने बीएसएफ को भारत-बांग्लादेश सीमा के पूरे खंड पर त्रुटि मुक्त सतर्कता के लिए कैमरे, रडार, सेंसर, फाइबर ऑप्टिक जैसे उपकरणों की तैनाती के अलावा अपनी मानव शक्ति के इस्तेमाल का आग्रह किया।
सर्वानंद सोनोवाल ने यह भी सुझाव दिया कि बांग्लादेश के साथ सीमा सुरक्षा को बढ़ावा देने में दक्षिण साल्मार से धुबरी को जोड़ने वाले ब्रह्मपुत्र पर प्रस्तावित 30 किलोमीटर लंबे फुलबारी पुल को भी इस तकनीकी से जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने बेहतर गश्त के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों की सड़कों की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमलेस सीमा संचार को प्रोत्साहित करने के अलावा सीमा सड़क सुरक्षा से सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जा सकता है। इस मौके पर संयुक्त सचिव पूर्वोत्तर गृह मंत्रालय सत्येंद्र गर्ग, संयुक्त सचिव सीमा प्रबंधन प्रदीप गुप्ता, निदेशक गृह मंत्रालय अनूप शर्मा, एमसी बंसल अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल बॉर्डर, संजय अग्रवाल मुख्य अभियंता आईबीबीजेड-2 सिलीगुड़ी सीपीडब्ल्यूडी, अशोक शर्मा आईजी ऑपरेशन बीएसएफ, प्रवीण बक्शी कमांडेंट बीएसएफ, पवन कुमार गुप्ता अधीक्षक अभियंता एडीजी सीमा और लाइन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।