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Saturday 19 August 2017 11:21:45 AM
डिब्रूगढ़ (असम)। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि समाज के सभी वर्गों को गरिमामय जीवन जीने और देश के सक्षम नागरिक बनने के लिए सशक्त होना चाहिए। असम सरकार के समाज कल्याण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से डिब्रूगढ़ में हनुमान बख्श सूरजमल कनोई कॉलेज में आयोजित हुए असम राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के रीच आउट एंड रिस्पांड प्रोग्राम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह उच्च प्रेरणात्मक बात कही। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में विकास करने के लिए दिव्यांगों की जबरदस्त इच्छाशक्ति को रेखांकित किया और कहा कि समाज पर उन्हें प्रोत्साहित करने और उन्हें प्रेरित करने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब कोई समाज कमज़ोरों के सबसे कमजोर वर्ग के बारे में सोचता है और अंधेरे कोने में रोशनी फैलाता है तो ही एक समाज वास्तव में कल्याणकारी समाज बन सकता है।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और शिवसागर मेंरीच आउट और रिस्पांड शिविर में 3500 से भी अधिक लाभार्थियों के साथ दिव्यांगों के जीवन में प्रकाश लाने और उन्हें समाज के विकास मेंयोगदानकर्ता बनाने के लिए सक्षम किया है। देश में विशेष रूप से हर विकलांग को लाभ और सुरक्षा देने और उनके प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच पर रोशनी डालते हुए सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि असम सरकार में राज्य में 4.5 लाख दिव्यांगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया चल रही है। किनोई कॉलेज को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए चुने जाने पर अपनी खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की कानूनी सेवाओं की बिरादरी का धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि इस स्थल पर राज्य के इतने सारे कानूनी दिग्गजों की उपस्थिति कानूनी प्रणाली के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेगी।
सर्वानंद सोनोवाल ने असम में बाढ़ से प्रभावितों के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने कहा कि संकट के समय नागरिक समाज एक साथ रहना चाहिए और मिलकर सहयोग करना चाहिए। देशभर के कई लोगों का उदाहरण देते हुए, जिन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए योगदान दिया है, सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि हमें राष्ट्रवाद की भावना से मार्गदर्शन लेना चाहिए, देश के अच्छे नागरिक बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और राष्ट्र में समस्याओं को दूर करने के लिए मिलकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र के सभी चार स्तंभ एक साथ आते हैं और समाज के विकास में भागीदार बनते हैं तो न्यायसंगत व्यवस्था और समाज स्थापित होता है।
रीच आउट एंड रिस्पांड प्रोग्राम में आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सीपीएसयू और भगवान महावीर विकलांग सहयोग समिति जयपुर की ओर से लोगों को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण प्रदान किए गए। कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अजीत सिंह गुवाहाटी उच्च न्यायालय, न्यायाधीश हृषिकेश राय गुवाहाटी उच्च न्यायालय, सांसद रमेस्वर तेली, विधायक प्रशांत फूकन, रितुपर्णा बरुआ, बिमल बोरा, बिनोद हज़ारिका, टेरॉस गोवला, नरेन सोनोवाल, मुख्य सचिव वीके पिपरसेनिया, प्राचार्य, समाज कल्याण विभाग के सचिव जिश्नु बरुआ, समाज कल्याण विभाग की निदेशक एसएस मीनाक्षी सुंदरम, डिब्रूगढ़ लोया मैडरी के उपायुक्त, राज्य सरकार और न्यायपालिका के सदस्य के वरिष्ठ अधिकारी और जनसामान्य के लोग उपस्थित थे।