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Tuesday 22 August 2017 01:24:48 AM
मुंबई। भारतीय सिनेमा में अब तक कई ऐसी फिल्में आ चुकी हैं, जिनकी पृष्ठभूमि में जेलें हैं, जो कई फिल्मों का खास हिस्सा रही हैं, मानों फिल्म की कहानी को देखते हुए जेल के बगैर फिल्म बेदम होती, जैसे-शोले और कालिया। इन फिल्मों की शूटिंग जेल में हुई है या फिर कई कलाकारों को जेल से निकलते हुए दिखाया गया है, यानी जेलों ने भी फिल्मों में एक प्रमुख पात्र की भूमिका निभाई है। जेल की पृष्ठभूमि परशायर, फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख़्तर के साहबज़ादे फरहान अख़्तर की भी एक ऐसी ही फिल्म आ रही है-लखनऊ सेंट्रल। इस फिल्म का फरहान अख़्तर और उनकी टीम जोरदार प्रमोशन कर रहे हैं। कहते हैं कि उन्होंने इसमें बड़ी मेहनत की है। इसमें बड़ा पैसा लगा है और अब्बाजान से लेकर बाकी कलाकार इसकी सफलता की कामना कर रहे हैं।
लखनऊ सेंट्रल फिल्म में फरहान अख़्तर क्या करने जा रहे हैं, क्या खास होने जा रहा है, फिल्म में क्या दिखाया जाने वाला है, यह तो अभी छिपी हुई जिज्ञासा है, लेकिन इस फिल्म के प्रमोशन के लिए फिल्म की टीम जब लखनऊ की आदर्श जेल पहुंची तो फिल्म की टीम को जरूर एक खास शॉट देखने को मिला और वो था जेल के कैदियों का म्यूज़िक बैंड। लखनऊ सेंट्रल फिल्म में जिस तरह फरहान अख़्तर एक बैंड बनाते हैं, ठीक उसी तरह लखनऊ की आदर्श जेल में भी एक बैंड है, जिसने फरहान अख़्तर और उनकी पूरी टीम के सामने अपनी गायिकी का जादू चलाया है। आदर्श जेल के क़ैदियों ने अपने बैंड के साथ कई गीतों पर परफॉर्म किया है, जिसका फिल्म लखनऊ सेंट्रल की टीम ने खूब साथ दिया और क़ैदियों के साथ मनोरंजन का मज़ा लिया। फरहान अख़्तर ने आशा जताई है कि यह फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आएगी।