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Monday 8 January 2018 02:17:13 AM
चेन्नई। केंद्रीय प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सिनेमा मनोरंजन को नवीन भारत की आकांक्षाओं के साथ सम्मिलित करने की आवश्यकता है। डॉ जितेंद्र सिंह चेन्नई में साउथ इंडियन फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और भारत नीति के संयुक्त रूपसे आयोजित एक कार्यक्रम में दक्षिण भारत फिल्म उद्योग के प्रमुख दिग्गजों को संबोधित कर रहे थे, जिनमें तमिल, मलयालम, तेलुगू और कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार, निर्देशक और संगीतकार शामिल थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने चेन्नई में गुजारे गए अपने जीवन के शुरुआती पलों को याद करते हुए बताया कि देवी सिनेमा कॉम्प्लेक्स और स्टार थियेटर किसी भी बच्चे के लिए पसंदीदा जगह होते थे। उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह दिन बीत चुके हैं, जब फिल्म देखने के लिए थिएटर की यात्रा उत्सव जैसी हुआ करती थी, कई दिनों पहले योजना बनाई जाती थी और इसके बाद उस दिन को याद रखने की प्रक्रिया कई हफ्तों तक चलती थी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज लगभग हर एक की जेब में एक मूवी थिएटर है और वह अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन पर केवल एक स्पर्श के साथ अपनी पसंद की फिल्म देख सकता है। उन्होंने कहा कि नौजवानों का ये हिस्सा देश की आबादी में 70 फीसदी से अधिक है, ऐसे में फिल्म निर्माता को सीखने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अद्भुत अभियानों के लिए मशाल वाहक के तौरपर सामने आना होगा, ताकि राष्ट्र निर्माण में वो खुद को भी शामिल करें। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बिना संदेश के कोई भी फिल्म खोखली होती है, वो आज के युवाओं को आकर्षित करने में नाकाम होती हैं, जिन्हें संदेश देने की कोशिश की जाती है। इस संबंध में उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्मों का विशेष तौरपर जिक्र किया। फिल्म पाथेर पंचाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह से इस फिल्म में मनोरंजन और संदेश दोनों का मेल था, वर्ष 1950 में बनी फिल्म आज भी दर्शकों को बड़ी संख्या में अपनी तरफ आकर्षित करती है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने वर्षों तक धूम मचाने वाले लोकप्रिय हिंदी फिल्मों के निर्माता एवी मय्यप्पन के पोते का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय था, जब बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री पर दक्षिण भारतीय फिल्म हाउस का दबदबा था, जिनमें एवीएम, मिथुन और एलवी प्रसाद घराने शामिल थे, इसीलिए दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी विरासत की वजह से अखिल भारतीय भूमिकाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवीन भारत मिशन के संदेशवाहक बनने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। इंडियन फिल्म कमीशन और जीएसटी में कुछ बदलावों की मांग पर डॉ जितेंद्र सिंह ने फिल्म उद्योग से जुड़े प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली आने का न्यौता दिया और कहा कि इस मुद्दे पर खुलेमन से विचारों का आदान-प्रदान होगा।