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Monday 2 April 2018 12:57:02 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत गाडगे प्रेक्षागृह में अयोध्या शोध संस्थान और लखनऊ उड़िया समाज के ओडिशा दिवस समारोह का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर ओडिशा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि वर्ष 1936 में भाषा एवं संस्कृति के आधार पर बंगाल से अलग होकर ओडिशा को एक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था, ओडिशा को प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर एवं उसकी उत्सवधर्मी संस्कृति विशेष बनाती है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश अति विशाल एवं समृद्ध संस्कृति वाला है, परंतु अनेकता में एकता इसके मूल में समाहित है, अपनी विविधता के लिए भारत पूरे विश्व में विख्यात है, भारतीय संस्कृति एवं विचार पूरे विश्व में प्रसारित हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य का अलग-अलग स्थापना दिवस है, परंतु देश की आत्मा एक है, यही भाव हमारे आपसी भाईचारे का आधार हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि समाज को विकसित करने में मातृभाषा का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि ओडिशा दिवस की तरह अब उत्तर प्रदेश दिवस भी मनाया जा रहा है, जिसने उत्तर प्रदेश के नागरिकों को जोड़ने का काम किया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने 1 मई 2017 को राजभवन में महाराष्ट्र दिवस पर प्रतिवर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि 1 मई को महाराष्ट्र एवं गुजरात को नए राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग से देश, व्यापार एवं उद्योग सब कुछ बढ़ता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उड़िया समाज की रजत जयंती पर लखनऊ में बनने वाले जगन्नाथ मंदिर की भी तैयारी पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उड़िया समाज पैसे देकर जमीन खरीदे और अपने संसाधन से मंदिर का निर्माण करे, क्योंकि बगैर सरकारी मदद से आम लोगों की मदद से बनने वाला मंदिर ही श्रेष्ठ होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की कल्पना को साकार करते हैं। मुख्यमंत्री ने ओडिशा की समृद्ध परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि जगन्नाथ पुरी एवं कोर्णाक का सूर्य मंदिर आस्था का केंद्र है, जगन्नाथ रथ यात्रा पूरे देश में धूमधाम से निकाली जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में समान भाव की उपासना पद्धति है, उनमें कोई भेद नहीं हैं। उन्होंने उड़िया समाज के अनुरोध पर लखनऊ में बनने वाले भगवान जगन्नाथ के मंदिर की जमीन के लिए राज्य सरकार के स्तर से सहयोग की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार वर्ष 1936 में ओडिशा को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था, उसी प्रकार 1950 में उत्तर प्रदेश भी राज्य के रूपमें स्थापित हुआ था, परंतु वर्ष 2018 तक उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से उन्होंने प्रतिवर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का निर्णय किया और इस वर्ष उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़ी विभिन्न संस्कृतियों को एक मंच पर लाकर ‘एक जिला एक उत्पाद’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की गई, जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश का चहुंमुखी विकास करने को राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार सबके विकास के लिए संवेदनशील है। समारोह में लखनऊ उड़िया समाज के अध्यक्ष जी पटनायक ने अतिथियों का स्वागत पुस्तक देकर किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति पहुंचाने में ओडिशा का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दूसरे प्रदेश के लोग वैसे ही हैं, जैसे गंगा नदी में अन्य नदियों का जल मिलकर गंगा जल हो जाता है। उन्होंने ओडिशा की संस्कृति पर भी प्रकाश डाला। योगी सरकार में प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि पुरी की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा ओडिशा की खूबसूरती है। कार्यक्रम में कई अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में अयोध्या पंचाग एवं स्मारिका ‘निर्मालया’ का विमोचन हुआ और मलेशिया से आए कलाकार रामली इब्राहिम एवं अन्य कलाकारों ने ‘गंजम’ एवं ‘रामलीला’ का भाव विभोर कर देने वाला मंचन किया।