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Thursday 10 May 2018 04:43:48 PM
बैंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार में सारे राजनीतिक दलों ने अपनी हस्तियों को उतारा है, जो अपनी क्षमता, अपनी दक्षता और राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राज्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारी, छात्रसंघों के नेता, तंज़ीमों और ट्रेड यूनियनों के नेताओं का कर्नाटक के चप्पे-चप्पे पर जमावड़ा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की टीम और राहुल गांधी की टीम एवं इसी प्रकार अन्य नेताओं की टोलियां टीवी चैनलों की डिबेट और सोशल मीडिया पर दिनरात एक किए हुए हैं। सबके अपने दावे हैं और सारे ही दल कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं। विश्वास करें तो पिछले अड़तालीस घंटों में कर्नाटक की जनता का रुख तेजी से भाजपा की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है और लिंगायत समुदाय कांग्रेस से किनारा करता नज़र आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के अनेक मंत्री कर्नाटक में कई विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं और उनका कहना है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बीएस येदियुरप्पा की लहर है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं हो रही हैं। कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक जीतने के लिए पूरी ताकत लगाई है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी, अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के दूसरे तीसरे नेताओं पर तीखे शब्द बाण चलाए हैं, जिनका नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा और भाजपा की टीम ने करारा उत्तर दिया है। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का पता नहीं चल रहा है कि उसके लोग कांग्रेस के साथ जा रहे हैं या भाजपा का समर्थन कर रहे हैं।
लिंगायत समुदाय की कर्नाटक के सामाजिक और राजनीतिक मामलों में बड़ी भूमिका देखी गई है, किंतु इसबार मामला कुछ अलग नज़र आ रहा है। यह समुदाय कहीं कांग्रेस को और कहीं भाजपा को समर्थन करता हुआ दिख रहा है, जबकि कहा यह जा रहा है कि यह समुदाय एकतरफा ही जाता है, मगर इसबार ऐसा नहीं है। कांग्रेस ने दावा किया है कि लिंगायत समुदाय ने चुनाव में उसका समर्थन किया है, किंतु ऐसा दिख नहीं रहा। लिंगायत समुदाय भाजपा की तरफ भी है, जिससे यह कहना मुश्किल है कि यह समुदाय कांग्रेस के ही साथ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रचंड छात्र राजनीति से राजनीति की मुख्यधारा में आकर अपना वर्चस्व कायम करने वाले योगी मंत्रिमंडल के सदस्य एवं कानून एवं सौर ऊर्जा मंत्री बृजेश पाठक ने कर्नाटक राज्य के करीब उनतीस विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का प्रचार करने के बाद कहा है कि यहां भाजपा को गज़ब का समर्थन है और पूरा माहौल भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है।
बृजेश पाठक जो दो मई से ही कर्नाटक के मैसूर, मंगलोर, बैंगलुरू और कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर हैं, उन्होंने बैंगलुरू में मीडिया से कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी दौरों ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की पूरी फिज़ा ही बदल दी है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव प्रचार में कांग्रेस नेतृत्व बैकफुट पर है, क्योंकि कर्नाटक की जनता बहुत समझदार है और विकास चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक का बहुत नुकसान किया है और यहां की जनता की विकास के लिए भाजपा पहली पसंद है। उन्होंने कहा कि बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के बहुत लोकप्रिय नेता हैं और जनता का मन है कि इसबार उनको भाजपा की सरकार बनाने का अवसर दिया जाए। बृजेश पाठक का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यहां के लोग बहुत प्रभावित हैं और वे कर्नाटक में जहां भी गए हैं, कर्नाटक की जनता ने उनका बहुत मान रखा है, इससे कांग्रेस का यह दावा बहुत कमजोर पड़ा है कि लिंगायत समुदाय उसके साथ है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।