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Saturday 12 May 2018 12:57:25 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने हमारा लखनऊ पुस्तकमाला के 42वें अंक 'लखनऊ की मड़ियांव छावनी' का विमोचन राजभवन में किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि हमारा लखनऊ पुस्तकमाला लखनऊ नगरवासियों और लखनऊ से जुड़े प्रवासियों के लिए एक अद्भुत भेंट है। उन्होंने कहा कि समाज को अपने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से अवश्य परिचित होना चाहिए। राज्यपाल ने ‘लखनऊ की मड़ियांव छावनी’ के लेखक की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ नरेश सिंह ने बहुत परिश्रम से जीर्ण-शीर्ण भवनों के चित्रों और तत्कालीन अभिलेखों से यह रोचक पुस्तक तैयार की है।
हमारा लखनऊ पुस्तकमाला की इस पुस्तक में लखनऊ में छावनी की स्थापना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसका निर्माण, उसमें रहने वाले ब्रिटिश अफसरों और 1857 की क्रांति के दौरान की अनेक घटनाओं का विवरण रोचकशैली में प्रस्तुत किया गया है। उल्लेखनीय है कि सुविख्यात साहित्यकार पद्मभूषण पंडित नारायण चतुर्वेदी की हिंदी वांग्मय निधि ने ‘हमारा लखनऊ पुस्तकमाला’ इस प्रयोजन से शुरू की थी, ताकि लखनऊ नगरवासियों को अपने शहर के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पक्षों एवं विशिष्ट व्यक्तियों के संबंध में सरल भाषा में जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।
इतिहासकार प्रोफेसर शैलनाथ चतुर्वेदी की पहल पर इस श्रृंखला में अबतक प्रकाशित 41 अंकों में लखनऊ का बंग समाज, लखनऊ के मोहल्ले और उनकी शान, बेगम हज़रत महल, लखनऊ का कायस्थ समाज, लखनऊ के संगीतकार, लखनऊ का शिया समाज, लखनऊ की शायरी, लखनऊ के इमामबाड़े, लखनऊ के गिरजाघर, लखनऊ की रेजीडेंसी, लखनऊ का कॉफी हाउस एवं लखनऊ का आर्य समाज आदि उल्लेखनीय हैं। पुस्तक का सम्पादन रामकिशोर बाजपेई ने किया है। इस अवसर पर साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी, हिंदी वांग्मय निधि के अध्यक्ष प्रोफेसर शैलेंद्रनाथ कपूर, सचिव रागिनी चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष मनीष अवस्थी, सदस्य अरविंद चतुर्वेदी और यूनिवर्सल बुक के प्रमोटर मानव प्रकाश उपस्थित थे।