स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 22 May 2018 02:59:58 PM
मुंबई। मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस ने इस वर्ष अपने निर्माण के 130 वर्ष पूरे कर लिए हैं, इसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था। गौरतलब है कि ताज महल के पश्चात इस भव्य भवन के सबसे अधिक फोटो खींचे जाते हैं। मध्य रेलवे का यह मुख्यालय भवन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। प्रारम्भ में इस भवन में ग्रेट इंडियन पेनिसुलर रेलवे का कार्यालय बनाने की योजना बनाई गई थी। इसका डिजाइन वास्तुकार फ्रेडरिक स्टीवेंस ने तैयार किया था। इसके निर्माण में एक दशक का समय लगा और इसपर 16,13,863 लाख रुपये की लागत आई थी। फ्रेडरिक स्टीवेंस के इस ऐतिहासिक टर्मिनस को उस समय एशिया के सबसे बड़े भवन का दर्जा हांसिल था।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस का निर्माण सन् 1878 में शुरू हुआ था और 1887 में इसका नाम महारानी विक्टोरिया टर्मिनस रखा गया था। वर्ष 1996 में इसका नाम बदल दिया गया और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रखा गया। वर्ष 2004 में यूनेस्को ने इस भवन को वास्तुकला की उत्कृष्टता के लिए विश्व विरासत की सूची में स्थान दिया। दिसंबर 2012 से इस विरासत भवन को सभी कार्य दिवस में लोगों के भ्रमण के लिए खोल दिया गया है। गॉथिक शैली में डिजाइन किए गए इस भवन को भारतीय संदर्भ के अनुरूप निर्मित किया गया है। यह एक सी-आकार की इमारत है, जिसका निर्माण पूर्व पश्चिम धुरी पर समरूप तरीके से किया गया है। इमारत का सर्वोत्कृष्ट बिंदु मुख्य गुंबद है। इसपर 16 फुट 6 इंच की विशाल महिला की आकृति है, जिसके दाहिने हाथ में एक ज्वलंत मशाल है, जो ऊपर की ओर इशारा करती है और बाएं हाथ में एक कमानीदार पहिया है, जो प्रगति का प्रतीक है। गुंबद को पहला अष्टकोणीय धारीदार चिनाई गुंबद माना जाता है, जिसे इतालवी गॉथिक शैली की इमारत के अनुरूप बनाया गया था।
शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन में सन् 1929 में 10.4 लाख रुपये की लागत से 6 प्लेटफॉर्म बनाए गए थे। पहले पुर्ननिर्माण के पश्चात प्लेटफॉर्मों की संख्या 13 थी। यार्ड और स्टेशन में फिर कुछ बदलाव किए गए और वर्ष 1994 में प्लेटफॉर्मों की संख्या 15 हो गई। अभी इस स्टेशन में 18 प्लेटफॉर्म हैं। पूर्व से प्रवेश करने के लिए खुली जगह है। अप्रैल 2018 में प्लेटफॉर्म संख्या 18 के बगल में एक विरासत गली का निर्माण किया गया है, जिसमें जीआईपी हेरिटेज इलेक्ट्रिक लोको, सर लेजली विल्सन और कई विरासत की वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भवन के शताब्दी समारोह पर एक डाक टिकट और वर्ष 2013 में भवन की 125वीं वर्षगांठ पर एक विशेष डाक कवर भी जारी किया जा चुका है।