स्वतंत्र आवाज़
word map

बेटियों को शिक्षा अवसर जरूर दें-राज्यपाल

राज्यपाल ने किया 'मैं हूँ बेटी' स्मारिका का विमोचन

बेटियां समाज की अमूल्य धरोहर-राजबहादुर चंदेल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 11 July 2018 03:37:10 PM

governor has released 'main hoon betee' smaarika

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रीय हिंदी स्वास्थ्य पत्रिका आरोग्य दर्पण की स्मारिका ‘मैं हूँ बेटी-2018’ का विमोचन राजभवन लखनऊ में किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं को सम्मान देना भारतीय संस्कृति की विशेषता रही है और शास्त्रों में कहा गया है कि जहां महिलाओं की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सांस्कृतिक क्षेत्र में लक्ष्मी, सरस्वती और सीता जैसी देवियां हैं, वहीं इतिहास में रानी लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, बेगम हज़रत महल जैसी वीरांगनाएं भी हैं। उन्होंने बताया कि भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू थीं।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि एक बेटी के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है, इसके विपरीत महिलाओं पर होने वाले अपराध, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न या अन्य ऐसी ख़बरों को सुनकर और समाचार पत्रों में देखकर दुःख होता है। उन्होंने कहा कि महिला को माँ, बहन, पत्नी और बेटी के रूपमें देखकर अच्छा लगता है, लेकिन फिरभी कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनके लिए समाज को संस्कारित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षा का अवसर देकर हम उन्हें संस्कार, साहस एवं दक्षतापूर्ण जीवन जीने का महत्वपूर्ण साधन दे सकते हैं, जो उनमें और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है और महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने के लिए शिक्षा एक रामबाण उपाय भी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का एक शुभ संकेत देखने को मिला है और यह बदलता हुआ चित्र भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना का नतीजा है।
राम नाईक ने कहा कि पहले शिक्षित महिलाएं केवल शिक्षिका या नर्स की नौकरी करती थीं, ल‌ेकिन समय बदल रहा है बेटियां प्रशासनिक, पुलिस, सेना आदि सेवाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, इंजीनियरिंग और पायलेट जैसे जोखिम भरे कार्यों को भी बेटियां सफलतापूर्वक अंजाम दे रही हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को भी आगे बढ़ाने, उन्हें शिक्षित करने और रोज़गार से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाने चाहिएं। गौरतलब है कि आरोग्य दर्पण की ‘मैं हूँ बेटी कांफ्रेंस एवं एवार्ड’ का आयोजन 5 जुलाई को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के कलाम सेंटर में किया गया था, जिसमें 10 राज्यों की 73 चयनित महिलाओं को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया था।
विधानपरिषद के सदस्य राजबहादुर सिंह चंदेल भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, पुलिस, प्रशासनिक, न्यायिक या राजनैतिक क्षेत्र में भी उनकी भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बेटियां समाज की अमूल्य धरोहर हैं। विमोचन कार्यक्रम में मुख्य सलाहकार डॉ विनोद जैन ने स्मारिका के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में राज्यपाल के विशेष सचिव डॉ अशोक कुमार, आयोजन समिति के अध्यक्ष रामप्रकाश वर्मा, संयुक्त सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह और समिति के सदस्य एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। संरक्षक शिवमंगल जौहरी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]