स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 12 July 2018 02:26:15 PM
पोलावरम (आंध्र प्रदेश)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में पोलावरम परियोजना स्थल का दौराकर परियोजना की वास्तविक प्रगति का अवलोकन किया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित थे। नितिन गडकरी ने पिछले वर्ष अक्टूबर के पहले सप्ताह में पोलावरम बांध का दौरा किया था। वे आंध्र प्रदेश की तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने विशाखापटनम में देश में प्रमुख बंदरगाह एवं अंतर्देशिया जलमार्गों की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक में भी हिस्सा लिया। बैठक में मंत्रालय, प्रमुख बंदरगाहों, ट्रस्टों एवं भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हुए।
गौरतलब है कि गोदावरी जल विवाद अधिकरण की सिफारिशों के एक भाग के रूपमें गोदावरी नदी पर एक अंतरराज्जीय परियोजना इंदिरा सागर पोलावरम की संकल्पना की गई थी, जीडब्लूडीटी ने इस पंचाट को 1980 में अंतिम रूप दिया था। इस पंचाट में उन परियोजनाओं की पहचान की जाती है, इसमें मुख्य गोदावरी नदी और इसकी सहायक नदियों पर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश लाभांवित होते हैं। इस पंचाट के एक भाग के रूपमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों ने 2 अप्रैल 1980 को एक समझौता किया, ताकि आंध्र प्रदेश द्वारा शुरू की जाने वाली पोलावारम परियोजना को अनुमति प्रदान की जा सके। इस समझौते में इस परियोजना के निर्माण की व्यवस्था है। उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में 150 फीट के स्तर से अधिक भूमि और सम्पत्ति की रक्षा करने के लिए परियोजना की लागत पर पर्याप्त जलप्रवाह के साथ रक्षात्मक बांध का प्रावधान किया गया है।
पोलावरम परियोजना अधिप्लव मार्ग को 140 फीट के तालाब स्तर पर 36 लाख क्यूसेक और 130 फीट के तालाब स्तर पर 20 लाख क्यूसेक की बाढ़ प्रवाह क्षमता के लिए डिजाइन है। पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश में पश्चिमी गोदावरी जिले के पोलावरम मंडल के रम्मय्यापेट के निकट गोदावरी नदी पर स्थित है। यह परियोजना आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी, विशाखापत्तनम, पश्चिमी गोदावरी और कृष्णा जिलों में सिंचाई, जल विद्युत विकसित करने और पेयजल सुविधाएं प्रदान करने का गोदावरी नदी पर बहुउद्देश्यीय प्रमुख टर्मिनल जलाशय है। इस परियोजना में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना के अंतर्गत गोदावारी-कृष्णा को जोड़ने का कार्य किया गया है।