स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 4 August 2018 12:32:58 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने चिकित्सकों की सुरक्षा करने के सख़्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रिवरबैंक कालोनी लखनऊ के पदाधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक से उनके कार्यालय में मुलाकात के दौरान उन्हें अवगत कराया कि कुछ असामाजिक तत्व एवं रोगियों के परिजन चिकित्सकों के साथ मारपीट, क्लीनिक, नर्सिंगहोम और अस्पतालों को क्षति पहुंचाने जैसी अराजक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। आईएमए के सदस्यों ने कुछ घटनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने डीजीपी से उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सकों की सुरक्षा हेतु लागू उत्तर प्रदेश मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2013 में उल्लिखित तथ्यों और निर्देशों के अंतर्गत समुचित सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।
उत्तर प्रदेश मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2013 में उल्लिखित धाराओं के अनुसार जो कोई भी व्यक्ति किसी चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी के विरुद्ध हिंसात्मक कृत्य करे या चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान की सम्पत्ति को क्षति पहुंचाए, उसके ऐसे अपराध के लिए 3 वर्ष का कारावास और 50 हज़ार रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। धारा 3 के अधीन दंडनीय अपराध संज्ञेय एवं गैर जमानतीय होगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पुलिस महानिदेशक से इसी एक्ट के अनुरूप समस्त चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है। पुलिस महानिदेशक ने समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और प्रभारी जनपद को निर्देशित किया है कि उत्तर प्रदेश शासन स्तर से निर्गत उत्तर प्रदेश मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2013 का शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि प्रदेश के समस्त जनपदों के चिकित्सकों एवं अस्पतालों, क्लीनिक एवं नर्सिग होम तथा उनके स्टाफ की नियमानुसार समुचित सुरक्षा व्यवस्था की जाए और इसके साथ ही विगत में चिकित्सकों, क्लीनिक, नर्सिंगहोम एवं उनके स्टाफ के साथ और सरकारी अस्पतालों में घटित घटनाओं की जनपद स्तरपर समीक्षा करके उनका त्वरित अनावरण कराया जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, जिससे प्रदेश के चिकित्सकों में सुरक्षा की भावना जाग्रत हो सके एवं उनके बीच पुलिस की मित्र छवि को बल मिले।