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Friday 16 November 2018 02:53:09 PM
श्रीनगर। भारतीय सेना के जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट सेंटर में 14 नवम्बर को शुरू हुए जम्मू-कश्मीर राइफल्स के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन का आज समापन हुआ, जिसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर राइफल्स एवं लद्दाख स्काउट्स के कर्नल ऑफ दि रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी ने की। सम्मेलन के दौरान रेजिमेंट से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर राइफल्स और लद्दाख स्काउट्स के कर्नल ऑफ दि रेजिमेंट से रेजिमेंट के सभी अधिकारियों और सूबेदार मेजरों का परिचय कराया गया।
जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट सेंटर के सेनानायक ब्रिगेडियर राजेश नेगी ने इस अवसर पर कर्नल ऑफ दि रेजिमेंट और सभी कमांडिंग ऑफीर्सस से रेजिमेंट सेंटर के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित मैनपावर एवं प्रासंगिक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी ने जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट को भविष्य के लिए की-रिजल्ट एरिया जारी किया और कई प्रमुख मुद्दों पर निर्देश भी दिए। सम्मेलन में भाग ले रहे ऑफीर्सस ने पूर्व निर्धारित एजेंडा प्वाइंटों पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन के समापन पर 13वें पुर्नमिलन समारोह का शुभारंभ हुआ, जिसमें पारम्परिक प्रीतिभोज बड़ाखाना में सभी रैंकों के सेवारत एवं सेवानिवृत सैनिकों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राइफल्स या आरआर भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय सेना की एक शाखा है। यह एक आतंकवाद विरोधी बल है, जो राष्ट्रीय राइफल्स में सेवारत भारतीय सेना के अन्य भागों से प्रतिनियुक्त सैनिकों से बना है। यह बल जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है। यह बल कश्मीर में उग्रवाद से लड़ने के लिए और क्षेत्र में कमजोर स्थानीय सुरक्षा बलों को बेहतरीन बनाने के लिए 1990 में जनरल एसएफ रोड्रिग्स और जनरल बीसी जोशी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इस बल में सेना के अधिकारियों और जवानों के अनेक रेजिमेंट्स शामिल किए गए जैसे-राजपूताना राइफल्स, गोरखा रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, मराठा लाइट इन्फैंट्री, सिख लाइट इन्फैंट्री और सिख रेजिमेंट।