Thursday 27 December 2018 05:59:10 PM
डॉ संजय अग्रवाल
मुंबई। पीडी हिंदुजा अस्पताल मुंबई के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ संजय अग्रवाल ने एक अनुमान के अनुसार कहा है कि देश में हर चार में से एक व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान है और यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। डॉ संजय अग्रवाल कहते हैं कि जोड़ों के दर्द में एक ऐसी बेचैनी होती है, जो किसी भी जोड़ में हो सकती है, जोड़ ऐसा बिंदु है, जहां दो या अधिक हड्डियां मिलती हैं, जोड़ों के दर्द को कभी-कभी अर्थराइटिस या अर्थरैलजिया कहते हैं। वे कहते हैं कि जोड़ों का दर्द सामान्य से गंभीर होता है, ये तब-तब होता है, जब आप अपने जोड़ों को हिलाते हैं। उनका कहना है कि सामान्य दर्द को तो खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर दर्द के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।
डॉ संजय अग्रवाल के अनुसार मनुष्य के शरीर के जोड़ों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, इनमें बोन फ्लूइड् या मेंम्ब्रेन में परिवर्तन आ जाना, चोट लगना या अंदर किसी बीमारी का पनपना, हड्डियों का कैंसर, अर्थराइटिस, मोटापा, ब्लड कैंसर, उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों के बीच के कार्टिलेज कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लुब्रीकेंट कम होना, लिगामेंट्स की लंबाई और लचीलापन भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से जोड़ अकड़ जाते हैं। उनका कहना है कि जोड़ों के दर्द खासकर अर्थराइटिस का कोई उपचार नहीं है, लेकिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है या इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। उनका कहना है कि जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज शॉक एब्जा रबर के समान कार्य करते हैं और आर्थराइटिस के कारण कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है, यह 70 प्रतिशत पानी से बने होते हैं, इसलिए सलाह है कि ढेर सारा पानी पिएं।
डॉ संजय अग्रवाल कहते हैं कि खानपान में कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थों दूध, दुग्ध उत्पादों, ब्रोकली, सालमन, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम, टोफु आदि का सेवन करें, विटामिन सी और डी स्वस्थ्य जोड़ों के लिए बहुत उपयोगी हैं, इसलिए विटामिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थों स्ट्राबेरी, संतरे, किवी, पाइनएप्पल, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्तागोभी, दूध, दही, मछलियों आदि का सेवन करना चाहिए, सूर्य के प्रकाश में भी कुछ समय बिताएं, इससे आपको विटामिन डी मिलेगा। डॉ संजय अग्रवाल का कहना है कि वजन को नियंत्रण में रखें, वजन अधिक होने से घुटनों, टखनों और कुल्हों पर दबाव पड़ता है, नियमित रूपसे एक्सरसाइज और योग करें, ये जोड़ों की जकड़न को कम करने में सहायता करते हैं, लेकिन ऐसे व्यायाम करने से बचें जिससे जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है।
शराब और धूम्रपान का सेवन जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है, डॉ संजय अग्रवाल इसके प्रति सचेत करते हैं और कहते हैं कि अर्थराइटिस से पीड़ित लोग अगर इनका सेवन बंद कर दें तो उनके जोड़ों और मांसपेशियों में सुधार आ जाता है और दर्द में भी कमी आ जाती है। उनकी चेतावनी है कि धूम्रपान से रूमैटाइड अर्थराइटिस हो सकता है, अधिक मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें, यह ऑस्टिमयो अर्थराइटिस से बचाते हैं, अदरक और हल्दी का सेवन करें, ये जोड़ों की सूजन को कम करने में सहायता करते हैं। उनकी सलाह है कि आरामतलबी की ज़िंदगी न जिएं, सूजन बढ़ाने वाले पदार्थ जैसे नमक, चीनी, अल्कोहल, कैफीन, तेल, दुग्ध उत्पादों, ट्रांस फैट और लाल मांस का सेवन कम करें, पैदल चलना, जागिंग करना, डांस करना, जिम जाना, सीढ़ियां चढ़ना, योगा या हल्के फुल्के व्यायाम से भी हम हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं।
सर्दियों में रखें विशेष ध्यान
सर्दियों में जोड़ों का दर्द अधिक सताता है, क्योंकि इन दिनों लोग आराम अधिक करते हैं और शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है, दिन छोटे और रातें बड़ी होने से जीवनशैली बदल जाती है, खानपान की आदतें भी बदल जाती हैं, लोग व्यायाम करने से कतराते हैं, जिससे यह समस्या और गंभीर हो जाती है, नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, जब बाहर का तापमान अत्यधिक कम हो तो बाहर टहलने और अन्य गतिविधियों से बचें, शरीर को हमेशा गर्म कपड़ों से ढंककर रखें, सर्दियों में पानी पीने से न बचें और प्रतिदिन आठ से दस गिलास से अधिक पानी न पिएं, जितना हो सके इस मौसम से प्रभाव से खुद को बचा कर रखें, जिस हिस्से में दर्द की समस्या है उस हिस्से को गर्म कपड़े में लपेटकर रखें। उनका कहना है कि ठंडी चीज खाने के बजाय गर्म चीजों का सेवन अधिक करें जैसे लहसुन, प्याज, सालमन मछली, गुड़, बादाम, काजू का अधिक से अधिक सेवन करें। टहलने से मांशपेशियों को खुलने में मदद मिलेगी, एक्सरसाइज करने में जल्दबाजी न करें, चोकर युक्त आटे की रोटी और मूंग की दाल का सेवन करें और दवाईयों का सेवन नियमित समय पर करते रहें, अगर जोड़ों के दर्द के साथ सूजन, लालपन, अत्यधिक दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डॉ संजय अग्रवाल का कहना है कि स्वस्थ्य हड्डियों में कैल्शियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है, शरीर के 99 प्रतिशत कैल्शियम का संचय हड्डियों में होता है, जबकि शरीर की विभिन्न क्रियाओं में केवल एक प्रतिशत कैल्शियम का ही उपयोग किया जाता है, इसलिए कैल्शियम का सेवन आवश्यक है। डॉ संजय अग्रवाल का कहना है कि एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन 1,000 से 1200 मिलिग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं। उनका कहना है कि विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर और मुलायम हो जाती हैं, सूर्य का प्रकाश मिलना जरूरी है, लेकिन जो लोग हमेशा घरों में बंद रहते हैं, उनमें उचित मात्रा में विटामिन डी का निर्माण नहीं हो पाता है, सूर्य की रोशनी के अलावादूध, अंडे, चिकन, मछलियां, सॉलमन, टुना, मैकेरल, सार्डिन भी विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं, जो लोग पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम का सेवन करते हैं, उनकी हड्डियों की सेहत बेहतर रहती है, शकरकंदी, छिलके सहित आलू, दही और केला पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं। उनकी सलाह है कि पालक, चुकंदर, टमाटर, आलू, शकरकंदी और किशमिश खाइए, इनमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
डॉ संजय अग्रवाल कहते हैं कि शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण है, यह हड्डियों को मजबूत रखता है और बोन मॉस भी बढ़ाता है, प्रोटीन केवल हड्डियों के लिए ही नहीं, उतकों और लिगामेंट्स के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उनका कहना है कि मोनोपाज के बाद जिन महिलाओं के भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, उनमें आस्टियोपोरोसिस का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। उनका कहना है कि लाल मिर्च, हरी मिर्च, संतरा, अंगूर, ब्रोकली, स्ट्राबेरीज, अंकुरित अनाज, पपीता भी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं, शलगम, सरसों और मैथी में विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। डॉ संजय अग्रवाल ने सलाह दी है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रातःकाल उठिए, टहलिए और शरीर की अवस्थानुसार व्यायाम कीजिए, प्रकृति के करीब रहना मनुष्य के जीवन के लिए उसका शानदार उत्तरदान है। प्रस्तुति : उमेश कुमार सिंह।