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बेटे-बेटियों को एक जैसे संस्कार दें-महंत देव्या

महिलाएं यदि स्वस्थ नहीं तो सशक्त नहीं-आराधना मिश्रा

महिलाओं के सशक्तिकरण पर लखनऊ में विचार संगोष्ठी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 12 January 2019 04:22:47 PM

mahilaon ke sashaktikaran par seminar

लखनऊ। महिला सशक्तिकरण पर एक विचार संगोष्ठी यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में हुई, जिसे विधायक आराधना मिश्रा एवं मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने आयोजित किया था। आराधना मिश्रा ने संगोष्ठी में कहा कि कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर यह पता नहीं होता कि वह कहां जाएं, किससे मदद मांगे और उनकी मदद के लिए कौन सा प्लेटफार्म सही है, ऐसी महिलाओं के लिए जल्द ही एक डायरेक्ट्री बनाई जा रही है, जिसमें महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे एनजीओ, डाक्टर, खिलाड़ी, राजनीतिक, अधिवक्ता, कानूनी सहायता एवं पुलिस सहायता सहित तमाम महिलाओं की डिटेल होगी। मदद हेतु सम्पर्क करने के लिए मोबाइल नम्बर भी होंगे, ताकि पीड़ित महिलाएं सीधे और तत्काल मदद ले सकें।
कार्यक्रम संयोजक शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि सभी सहायता नम्बरों को एकत्रित करके बहुत जल्द इसका विमोचन कराया जाएगा। इस मौके पर मौजूद इंदौर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर धरा पांडेय ने कहा कि महिलाएं अगर स्वस्थ नहीं होंगी तो सशक्त नहीं होंगी, इसलिए उनका स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। महंत देव्या गिरि ने कहा कि बेटियों और बेटों के बीच भेदभाव बचपन से ही शुरू हो जाता है, हर माता-पिता को अपने बेटे और बेटी को बिना किसी भेदभाव के एक जैसे संस्कार देने चाहिएं। आरती बाजपेयी ने कहा कि हम महिलाओं को पुरुषों से आगे नहीं निकलना, बल्कि उनके साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चलना है। शशि पांडेय ने कहा कि स्वयं सुरक्षा करना सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। पत्रकार शिल्पी सेन ने कहा कि कार्य क्षेत्र में महिलाओं को समान अवसर मिलना चा‌हिए। पत्रकार शिवानी शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अंदर की ताकत को पहचानने की जरुरत है।
महिला कालेज के प्रोफेसर अमित पुरी ने संगोष्ठी में अटल बिहारी बाजपेयी की कविता का पाठ किया। महिला कालेज की प्रिंसिपल निशा गुप्ता ने कहा कि हमें शिक्षा में बढ़ती हुई आधुनिकता को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना है और समाज को मजबूती प्रदान करनी है। निदेशक महिंद्रा श्रद्धा पांडेय ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक बालिका को शिक्षित करने की जरुरत है, जिससे हमारा पूरा समाज शिक्षित हो सके। संगोष्ठी में प्रतिभाशाली महिलाओं को मोमेंटो, सर्टिफिकेट एवं शाल प्रदान करके ‘प्रियदर्शिनी लौह महिला सम्मान’ प्रदान किया गया। सम्मानित महिलाओं में शाम्भवी तिवारी, शशि पांडेय, प्रीति दीक्षित, हिना कुकरेजा, भावना पांडेय, आराधना तिवारी, शिल्पी सेन, दीपशिखा पांडेय, अनामिका सिंह, शिवानी शर्मा, मनु शुक्ला, श्यामा सिंह, मोनिका तिवारी, सुप्रिया, अंजलि, अपूर्वा, अपूर्वा पांडेय, ऊषा विश्वकर्मा, संगीता पांडेय, अन्नपूर्णा, श्रद्धा सक्सेना, प्रवेश द्विवेदी, संध्या यादव, मोहिनी गौतम, निराजना दुबे, रागिनी उपाध्याय, शालिनी श्रीवास्तव, सिमरन पांडेय, श्रुति नेगी, स्वर्णिमा जायसवाल, पंखुड़ी गुप्ता, स्नेह प्रभा, वेदांती सिंह, कौशिकी चौरसिया, काजल शर्मा, श्रुति मिश्रा, नीरजा सिंह, सीत मिश्रा, कुदसिया, उज्मा सिद्दीकी, रूपा चौरसिया, शिवांगी सिंह, मुमताज खान, ख्याति गुप्ता, रचना सिंह, तनुश्री पांडेय शामिल हैं। कार्यक्रम की विषय स्थापना कमलाकर त्रिपाठी ने की। चंद्रशेखर मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया एवं मोनिका तिवारी ने धन्यवाद किया।

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