स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 13 February 2019 05:02:18 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने आज उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल सरोजिनी नायडू की जयंती पर जिलाधिकारी आवास के सम्मुख सरोजिनी नायडू पार्क लखनऊ में उनकी नवनिर्मित प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि सरोजिनी नायडू एक अच्छी कवयित्री भी थीं, जिन्होंने मात्र 13 वर्ष की आयु में अपनी प्रथम कविता अंग्रेजी में लिखी थी, वह एक विदुषी महिला थीं, जिन्हें हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती एवं बांग्ला भाषा का अच्छा ज्ञान था। राज्यपाल ने कहा कि सरोजिनी नायडू की अपनी एक प्रभावी वक्तव्य कला थी। उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू का जन्म हैदराबाद में हुआ था।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि महात्मा गांधी से प्रभावित होकर सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी, वह अत्यंत व्यवहार कुशल थीं। राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उन्होंने महात्मा गांधी के आंदोलनों का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश (पूर्व में युनाईटेड प्रोविंस) की प्रथम महिला राज्यपाल बनीं। राम नाईक ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि उनके सुझाव पर सरोजिनी नायडू पार्क में पूर्व में स्थापित सरोजिनी नायडू की प्रतिमा के स्थान पर सुंदर एवं आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई है, इससे नागरिकों को अपने महापुरुषों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सरोजिनी नायडू पार्क में किए गए मौलिक परिवर्तनों के लिए अधिकारी अभिनंदन के पात्र हैं।