भगवान प्रजापति
Tuesday 26 March 2019 02:37:46 PM
बीकानेर। गौरैया चिड़िया आपकी सुख-समृद्धि का गीत गाती है, जी हां आप माने या न मानें। गौरैया का संरक्षण कीजिए और उन्हें अपने से जोड़िए। गौरैया एक घरेलू और आपकी पारिवारिक मित्र है। गौरैया एक घरेलू चिड़िया है, जो हमारे बाल्यकाल की पहली मित्र है। हमने समझ पड़ते ही इन नन्हें साथियों को घर आँगन में खेलते देखा है, लिहाजा गौरैया के अस्तित्व को बचाना हमारा परम धर्म है। गौरैया चिड़िया का विश्व दिवस मनाना सही है। इस दिन भी चमत्कारी काम हो ही जाते हैं, जिन्हें निरंतर करते रहना चाहिए। बीकानेर के सभी आश्रमों, खेजड़ा एक्सप्रेस के कार्यालय कर्म स्थल, प्रकृति शक्ति पीठ में गौरैया बहुत हैं। प्रकृति शक्ति पीठ में इनके परिवास की विशेष व्यवस्था की हुई है। हर समय इनका ध्यान रखा जाता है, ये मनुष्य की निकटता और भाषा संकेत को समझती है एवं पुकारने पर करीब आ जाती है।
गौरैया चिड़ियों के बीच मेरे साथ अंजाने में एक अद्भुत घटना हुई और वे हमारे यहां से रूठकर चली गईं। मैंने उन्हें इधर-उधर खोजा तो वे कुछ दिनों बाद पानी की टंकी पर मिल गईं। मैंने उनसे विनती की एवं उलाहने दिए कि मैं उन सबको कब से खोज रहा हूं, मेरी कोई गलती हो तो क्षमा करें और वापिस अपने घर आ जाएं। मैं यह कहकर चला आया और गौरैया परिवार की सारी चिड़ियां धीरे-धीरे वापस आ गईं एवं कुशलपूर्वक रह रही हैं, चहचहा रही हैं। आप भी कुछ सीखें और इन नन्हीं पारिवारिक चिड़ियों को प्राकृतिक वातावरण देकर, घर की दीवार पर इनके लिए लकड़ी का डिब्बा लगाकर आवास और इनके उपयुक्त खाने पीने की व्यवस्था करें। ये चिड़ियाँ युगों पहले जो गीत आपकी सुख-समृद्धि का गाती थीं, आज भी सुबह उठकर वही गीत गाती हैं।
इसी प्रकार एक बार पेड़ की टहनियों की छंटाई के समय गौरैया चिड़िया के घोसले को नुकसान हो गया तो उन्होंने चुग्गा ही नहीं खाया। जब एहसास हुआ कि हमारी ही गलती से घोसले को नुकसान हुआ है और हमने उनसे माफी मांगी और उनका घोसला सही किया तब उन्होंने चुग्गा खाना शुरू किया। इस प्रकार कई घटनाएं देखी और अनुभव की गई हैं। इस बार 19 मार्च की रात में मुझे रघुनाथ बिश्नोई का सांचोर से फोन आया और उन्होंने बताया कि उन्हें गौरैया को घर पर पालना है, मेरा मकान पक्का है, मैने सभी जतन कर लिए, गूगल से भी मदद मांगी और किसी ने आपसे उपाय जानने को कहा। मैंने कहा कि गौरैया के लिए प्राकृतिक घासफूस का वातावरण विकसित कर दो और लकड़ी का डिब्बा लगा दो। उन्होंने यह उपाय किया और अगलीबार फिर वही फोन आया कि और उन्होंने बताया कि लकड़ी का डिब्बा लगाते ही कुछ ही देर बाद गौरैया आ गई और उसने अपना घोसला बनाना शुरू कर दिया है, मैं वहां खड़ा हूं, फोटो भी ले लिए हैं, वह मुझसे डर भी नहीं रही हैं, इसलिए आज मुझे गौरैया से अपार खुशी मिली है।