स्वतंत्र आवाज़
word map

जे & के में आयकर विभाग को मिला कालाधन

घाटी में बड़ी मात्रा में हुआ है लेनदेन में कालेधन का प्रयोग

तलाशी अभियान में भू-सौदों में अघोषित आय पता चली

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 March 2019 03:35:26 PM

income tax logo

श्रीनगर। आयकर विभाग ने श्रीनगर और उसके आसपास के 5 परिसरों में तलाशी की कार्रवाई को अंजाम दिया। श्रीनगर में दुकानों, इमारतों और भू-सौदों में अवांछनीय तत्वों की अघोषित आय का पता लगाने के लिए दो समूह स्थानीय अधिकारियों के साथ जुड़े थे। तलाशी के दौरान पता चला कि श्रीनगर विकास प्राधिकरण की सब्जी और फल विक्रेताओं के पुनर्वास के लिए बनाई गई 76 दुकानों को प्रभावशाली और अमीर लोगों को महंगे प्रीमियम पर नकद बेचा गया है एवं इस लेनदेन में बड़ी मात्रा में कालेधन का प्रयोग हुआ है। बड़ी संख्या में इकरारनामे पाए गए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
आयकर विभाग ने जिन लोगों के ठिकानों पर सर्वे किया, उनमें से एक ने खुद को सब्जी विक्रेता यूनियन बटमालू का चेयरमैन बताकर यह कहा कि उसने इन दुकानों को बेचा है, मार्केट की पहली मंजिल पर चार दुकानें 1.09 करोड़ रुपये में बेची थीं, नौ लाख रुपये चेक से लिए गए, जबकि एक करोड़ रुपये का नगद लेनदेन हुआ, यहां से उसने जो कालाधन कमाया था, उससे उसने न्यू फ्रूट कांप्लेक्स, परिमपोरा में तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया है। तलाशी अभियान में सामने आया कि अनधिकृत कब्जे के तहत लगभग 86 कनाल भूमि स्थानीय प्रभावशाली लोगों को उच्च प्रीमियम पर बेची गई थी। इस लेनदेन का कहीं जिक्र नहीं किया गया, जिसमें बड़ी मात्रा में कालेधन का प्रयोग हुआ है।
आयकर विभाग के तलाशी अभियान से पता चला कि बेहिसाब नकदी के बदले जमीन पर कब्जा किया गया था, यहां किए गए निवेश और इससे प्राप्त हुई आय को पूरी तरह से कर दायरे से बाहर रखा गया था। कुल मिलाकर तलाशी अभियान में श्रीनगर और उसके आसपास से 11 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब वित्तीय लेनदेन का खुलासा हुआ है और 19 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति में अघोषित निवेश का पता भी चला है। तलाशी अभियान में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें से किसी भी व्यक्ति ने आयकर रिटर्न तक दाखिल नहीं किया है। आयकर विभाग का कहना है कि कर चोरी के साथ-साथ जानबूझकर कर नहीं चुकाने वाले दोषियों पर आपराधिक मुकद्मा दायर किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में खासतौर से कश्मीर घाटी में जिस प्रकार कालेधन का खुलासा हुआ है और हो रहा है, उसमें कश्मीर घाटी के और अलगाववादी नेताओं की संलिप्तता सामने आ रही है। अब समझा जा रहा है कि‌ कश्मीर घाटी के नेता कश्मीर में विशेष दर्जा क्यों बनाए रखना चाहते हैं। यह बात तो पहले से पता चल रही थी कि घाटी में बड़े पैमाने पर कालेधन का चलन है और उसकी इंतिहा इसलिए है, क्योंकि कश्मीर की पूर्व सरकारों के ओहदेदारों ने भी बड़े पैमाने पर कालाधन अर्जित किया है और जो पैसा केंद्र सरकार से आया करता था, उसको घाटी के विकास पर खर्च न करके घाटी के अलगाववादी और सरकार के लोगों के गठजोड़ ने हड़पा है। पहलीबार हुआ है, जब कश्मीर घाटी के इस भ्रष्ट सिंडीकेट पर हाथ डाला गया है और कालेधन की परत दर परत खुलती जा रही हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]