चंदौली में स्वतंत्रता संग्राम के आखिरी दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्नान पर 16 अगस्त 1942 को महाईच परगना के आन्दोलनकारियों ने जो कुछ किया वह कामयाबी और बलिदान के नजरिये से संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) और भारत के ऐसे कई बड़े मामलों में से एक था, लेकिन इस कांड की उतनी चर्चा नहीं हो पाई जितनी होनी चाहिए...
मनु, यह नाम दुनिया के लिए दर्शन, ज्ञान, नीति, उपदेश, शासन-प्रशासन, जीवन-शैली, यश और अपयश का भेद बताता है। जहरीले जातिवादियों को मनु का आभारी होना चाहिए जो आज राजयोग भोग रहे हैं और एक नीचतापूर्ण भ्रामक शैली में जन-मानस को मनु के खिलाफ भड़काने की अनाधिकृत चेष्टा कर रहे हैं। इनमें बहुत से चलते तो हैं मनु के अनुसार मगर समाज व्यवस्था को अपने पक्ष में करने के लिए मनु की झूठी आलोचना करने से बाज नही...
संत कंवर राम त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति, जीवन के मर्म को जानने वाले ऋषि, दया के सागर, दीन दुखियों, यतीमों और विकलांगों के मसीहा थे। जहां उनके मुख मण्डल पर किसी ऋषि सा तेज झलकता था वहीं उनके नेत्रों से नूर बरसता था। मानव सेवा ही उनका मुख्य ध्येय था। उनके परोपकारी एवं आध्यात्मिक जीवन ने मानव के संस्कारो में कल्याण, सर्व...
पर्वतराज हिमालय की तलहटी में दक्षिण भाग पर वन संपदा और इतिहास से समृद्धशाली उत्तर प्रदेश का बिजनौर जनपद अपने भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्राचीनकाल से ही एक विशेष पहचान रखता है। इसकी उत्तरी सीमा से हिमालय की तराई शुरू होती है तो गंगा मैया इसका पश्चिमी सीमांकन करती है। बिजनौर के उत्तर पूर्व में गढ़वाल और कुमाऊं...