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Tuesday 27 August 2019 04:25:40 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य में चल रहीं भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा शुरु कर दी है। इनमें खासतौर से वे सरकारी योजनाएं और परियोजनाएं हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है और आउटपुट मिल रहा है कि इनके क्रियांवयन में भ्रष्टाचार और भारी लापरवाही हो रही है। ज्ञातव्य है कि हालही में बलरामपुर में उज्जवला योजना के करीब पांच हजार सिलेंडर झाड़ियों में छिपाए पाए गए हैं, जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची है। प्रधानमंत्री कार्यालय को यह भी शिकायत की गई है कि राज्य सरकार के नागरिक आपूर्ति विभाग में कई गैंग हैं, जो सभी जिलों में उज्जवला योजना के सिलेंडरों की बड़े पैमाने पर कालाबाज़ारी कर रहे हैं और इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र लोगों को अवैध मूल्य चुकाना पड़ रहा है। यह विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है और इसलिए है कि ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गहनता से निगरानी रहे, मगर खबरें तो यह आ रही हैं कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री की प्राथमिकता और दिलचस्पी के विभाग लावारिस की तरह चल रहे हैं जैसे उज्जवला योजना।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योजनाओं परियोजनाओं की समीक्षाओं की शुरुआत लखनऊ से की है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों से राजधानी में चल रहीं शासकीय योजनाओं की बिंदुवार जानकारियां लीं और पाया कि लापरवाही और भ्रष्टाचार की जो शिकायतें आ रही हैं वे वास्तव में कहीं न कहीं सही और गंभीर हैं। राज्यपाल आमतौर से इस प्रकार से गहन समीक्षा नहीं करते हैं, लेकिन कहने वाले कहते हैं कि उन्होंने कदाचित गंभीर शिकायतें मिलने पर ही समीक्षा के नाम पर योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकलापों की कड़ी निगरानी शुरु की है। राजभवन में हुई इस समीक्षा बैठक में राज्यपाल को जिलाधिकारी लखनऊ कौशलराज शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), स्वच्छ भारत मिशन शहरी, सॉलिड बेस्ड मैनेजमेंट प्रणाली लखनऊ स्मार्ट सिटी की महत्वपूर्ण परियोजनाओं, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, अमृत एवं नमामि गंगे कार्यक्रम, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम, बाल सुपोषण और बाल विकास, कुपोषण की स्थिति तथा पोषण पुनर्वास केंद्र, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित महिला पेंशन, निराश्रित दिव्यांगजनों के लिए अनुदान, कुष्ठावस्था पेंशन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एवं कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जनपद लखनऊ में शैक्षिक परिदृश्य बेसिक शिक्षा-ड्रापआउट, लखनऊ रिंग रोड और निर्माणाधीन मुख्य सेतुओं और प्रगति की जानकारी दी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बहुत गहराई से इन परियोजनाओं की समीक्षा की और सुझाव दिए कि निमार्णकार्य को डेडलाइन तय करके पूरा करें, वित्तीय रिपोर्ट के साथ-साथ भौतिक सत्यापन के लिए रिपोर्ट तैयार करें एवं अन्य राज्यों में हो रहे अच्छे कार्यों की जानकारी लेकर अपने प्रदेश में भी उन्हें लागू करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऋण लेने वालों के प्रकरण लम्बित न रखते हुए प्राथमिकता देकर उन्हें निस्तारित करें। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों में पानी की निरंतर व्यवस्था रहनी चाहिए तथा बीच-बीच में जनता से बराबर फीडबैक लिया जाए। उन्होंने कहा कि लखनऊ प्रतिष्ठित और बड़ा शहर है, इस दृष्टि से उसे स्वच्छता अभियान में ऊपर लाने का प्रयास किया जाए। राज्यपाल ने आयुष्मान भारत के पात्र व्यक्तियों को इस योजना से जोड़ने पर जोर देते हुए कहा है कि योजना में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ आउट सोर्सिंग एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी इसका लाभ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनीभरे लहज़ें में कहा कि अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और शिकायत प्राप्त होने पर उनपर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शैक्षिक सत्र समय से शुरु होना चाहिए, जिससे बच्चे पढ़ाई में न पिछड़ें, स्कूलों में ड्रापआउट को रोकने के लिए स्पष्ट नीति बनाएं और नियमित जांच करके कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि अधिकतम महिलाओं को प्रशिक्षण देकर स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। राज्यपाल ने कहा कि ऋण देने वाली संस्थाएं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों को केवल लोन न बांटें, बल्कि उनकी सफलता को सक्सेज स्टोरी के रूपमें जनता तक पहुंचाएं, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि रिंग रोड के आस-पास झोपड़ पट्टियों को स्थापित नहीं होने दिया जाए, क्योंकि इससे सड़क दुर्घटना की सम्भावनाएं बढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे ऐसे वृक्षारोपण कराया जाए, जिसमें भविष्य में सड़क चौड़ीकरण की सम्भावना रहे तथा चौड़ीकरण के समय हरे पेड़ काटने की नौबत न आए। इसके पश्चात राज्यपाल ने ओमप्रकाश पाठक चेयरमैन इंडियन रेड क्रास सोसायटी लखनऊ, मनोज कुमार गोयल रोटरी क्लब, मनीष गोयल इंडियन इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, स्वयं सहायता समूहों व स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के सदस्यों से भेंट की। समीक्षा बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, विशेष सचिव डॉ अशोक चंद्र, मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल और योजनाओं से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।