स्वतंत्र आवाज़
word map

परिकल्पना ने विश्व में हिंदी के झंडे गाड़े

हिंदीसेवी संस्था परिकल्पना की वार्षिक महासभा

ब्लॉगर्स, साहित्यकार और बुद्धिजीवी सम्मानित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 August 2019 05:59:52 PM

samman of sahityakar by parikalpana

लखनऊ। लखनऊ की हिंदीसेवी संस्था परिकल्पना करीब ग्यारह देशों में ब्लॉगोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव आयोजित कर चुकी है, इस तरह यह संस्था भी हिंदी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देने की दिशा में बड़ा काम कर रही है। हिंदी ब्लॉगर और साहित्यकार एवं लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने परिकल्पना संस्था के 13वीं वार्षिक महासभा में यह बात कही। इस अवसर पर परिकल्पना की अध्यक्ष माला चौबे और महासचिव डॉ रवींद्र प्रभात के तत्वावधान में देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे ब्लॉगर्स, साहित्यकार और बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया गया। परिकल्पना की नई कार्यकारिणी के गठन के साथ नए उत्तरदायित्व ग्रहण करने वाले सदस्यों को उनकी जिम्मेदारी की शपथ भी दिलाई गई। मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव ने परिकल्पना के जानकीपुरम लखनऊ के नए परिसर का लोकार्पण भी किया।
गौरतलब है कि हिंदी को वैश्विक स्तरपर पहचान दिलाने में लखनऊ की परिकल्पना का अहम स्थान माना जाता है और यह संस्था हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा घोषित कराने के लिए कई वर्ष से संघर्षरत है। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वैश्वीकरण और डिजिटल इंडिया के दौर में हिंदी की अहमियत समग्र विश्व समझ रहा है, ऐसे में हिंदी की विविधता, सौंदर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप को परिकल्पना ने जिस तरह से आगे बढ़ाया है, उससे हिंदी के विकास के नए प्रतिमान स्थापित हुए हैं। सभाध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मिथिलेश दीक्षित ने कहा कि परिकल्पना पवित्र उद्देश्यों को लेकर काम कर रही है, जोकि एक बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि परिकल्पना मुझमें बसती है और मैं परिकल्पना में बसती हूं तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। विशिष्ट अतिथि और महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुलकर्णी ने कहा कि राष्ट्रभाषा के प्रचार को राष्ट्रीयता का मुख्य अंग मानते हुए परिकल्पना सही मायनों में हिंदी के उत्थान की दिशा में अनुकरणीय भूमिका निभा रही है।
अवधी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामबहादुर मिश्र ने कहा कि जहां हिंदी है, वहीं परिकल्पना है और जहां परिकल्पना है वहीं हिंदी है, परिकल्पना संस्था नहीं एक वैश्विक परिवार है जो वसुधैव कुटुंबकम की भावना को चरितार्थ करता है। परिकल्पना की अध्यक्ष माला चौबे ने कहा कि यह हिंदी भाषा और साहित्य की तकनीकी प्रगति को समर्पित है, यह एक वैश्विक परिवार है, जिससे जुड़कर आप अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। परिकल्पना समय के प्रधान संपादक डॉ रवींद्र प्रभात ने उल्लेख किया कि भारतीय भाषाओं के विकास और उनके वैश्विक प्रारूप को समृद्ध बनाने के लिए परिकल्पना संस्था ने पिछला अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सवमई 2019 में भारतीय महावाणिज्य दूतावास वियतनाम के सहयोग से वियतनाम की आर्थिक राजधानी हो ची मिनह में आयोजित किया था। कार्यक्रम में डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी, कुसुम वर्मा, ब्लॉगर्स, साहित्यकार और बुद्धिजीवी शामिल हुए।
परिकल्पना संस्था की नई कार्यकारिणी में डॉ मिथिलेश दीक्षित को मानद अध्यक्ष, डॉ मीनाक्षी सक्सेना को उपाध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ), सत्या सिंह को उपाध्यक्ष (सामाजिक गतिविधियां), डॉ सुषमा सिंह को उपाध्यक्ष (वैश्विक प्रसार), रणधीर सिंह सुमन को उपाध्यक्ष (मीडिया सह विधिक प्रभारी), शचिंद्रनाथ मिश्र को उपाध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ), शीला पांडेय को सचिव (कार्यक्रम संयोजन), राजीव प्रकाश को सचिव (सेंट्रल उत्तर प्रदेश प्रभारी), डॉ अमोल रॉय को सचिव (बिहार प्रभारी), गगन शर्मा को सचिव (दिल्ली प्रभारी), डॉ अरुण कुमार शास्त्री को सचिव (पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी), नीता जोशी को सचिव (महिला प्रकोष्ठ), कनकलता गुप्ता को सचिव (सामाजिक गतिविधियां), कुसुम वर्मा को सचिव (सांस्कृतिक गतिविधियां), डॉ उदयप्रताप सिंह को सचिव (मीडिया प्रभारी), आकांक्षा यादव को सह सचिव (महिला प्रकोष्ठ) और आभा प्रकाश को सह सचिव (सांस्कृतिक गतिविधियां) का दायित्व दिया गया। इनके अलावा नकुल दुबे, कृष्ण कुमार यादव, डॉ सुनील कुलकर्णी, डॉ रामबहादुर मिश्र, डॉ चम्पा श्रीवास्तव तथा डॉ प्रभा गुप्ता को संस्था का संरक्षक और शिवसागर शर्मा, डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी, डॉ ओमप्रकाश शुक्ल अमिय, डॉ अनीता श्रीवास्तव और डॉ बाल कृष्ण पांडेय को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]