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हमें अपनी विविधता में एकता पर गर्व है-मोदी

राष्ट्रीय एकता दिवस पर केवड़िया में प्रधानमंत्री का संबोधन

देश की विविधता में एकता का उत्सव मनाने का आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 October 2019 05:16:04 PM

narendra modi addressing on the occasion of the rashtriya ekta diwas

केवड़िया (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की समृद्ध विविधता और सदियों पुरानी जीवनशैली की सराहना करते हुए कहा है कि इसने राष्ट्रीय एकता और एकजुटता बनाए रहने के संकल्प में सहायता की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मनाए जा रहे राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपनी विविधता में एकता पर गर्व है, इससे हमें पहचान और सम्मान मिलता है, हम विविधता में एकता का उत्सव मनाते हैं, हमें अपनी विविधता में कोई अंतर्विरोध नहीं दिखता, बल्कि इसमें एकता का मजबूत सूत्र दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि हम विविधता में एकता का उत्सव मनाते हैं, विविधता का पर्व वास्तव में हमारे दिलों में एकता के तार को स्पर्श करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अलग-अलग जीवनशैली और परंपरा का सम्मान करते हैं तो सौहार्द और भाईचारा बढ़ता है, इसलिए हमें अपनी विविधता का समारोह मनाना चाहिए और यह राष्ट्र निर्माण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की विविधता एक ऐसी शक्ति है, जो दुनिया में किसी और जगह नहीं मिलती, दक्षिण भारत से आए शंकराचार्य ने उत्तर में मंदिर की स्थापना की और बंगाल के स्वामी विवेकानंद ने दक्षिण के कन्याकुमारी में ज्ञान की प्राप्ति की, पटना में जन्मे गुरूगोविंद सिंह ने पंजाब में खालसा पंथ की स्थापना की और रामेश्वरम में जन्मे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम देश में सर्वोच्च पद पर पहुंचे। भारत के संविधान की प्रस्तावना में 'वी द पीपुल' का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संविधान की शुरुआत में केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि भारत में जीवन की हजारों साल पुरानी संरचना का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि जब सरदार वल्लभभाई पटेल के सामने देशभर में 500 से अधिक रियासतों को एकजुट करने की बड़ी चुनौती थी तो यही वह चुंबकीय शक्ति थी, जिसने उन्हें भारत से जुड़े रहने के लिए आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की प्रसिद्धि और प्रभाव विश्वभर में बढ़ रहा है, संपूर्ण विश्व भारत को आशापूर्ण नज़रों से देखता है और इसका कारण हमारी राष्ट्रीय एकता है, अगर आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो इसके पीछे राष्ट्रीय एकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो हमसे युद्ध नहीं जीत सकते, वो हमारी एकता को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन वो भूल रहे हैं कि सदियों की ललक के बाद भी कोई भी हमारे बीच से एकता की इस भावना को परास्त नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की शुभकामनाओं के साथ देश में कुछ सप्ताह पहले ऐसी अलगाववादी शक्तियों को परास्त करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि धारा 370 ने जम्मू-कश्मीर को सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद दिया है, लोगों के बीच फूट पैदा की है, अलगाववादी विचार और आतंकवाद को बढ़ावा दिया एवं हमारे भाई-बहनें जो इस छद्म दीवार के दूसरी ओर थे, वो इससे भ्रम की स्थिति में थे। प्रधानमंत्री ने कहा अब ये दीवार नष्ट हो चुकी है, देशभर में सिर्फ जम्मू-कश्मीर एक ऐसा स्थान था, जहां अनुच्छेद 370 लागू था। उन्होंने कहा कि तीन दशक में 40 हजार से अधिक लोग आतंकवादी गतिविधियों के कारण मारे गए, माओं ने अपने बच्चों को खो दिया, बहनों ने भाईयों को खोया और बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि यदि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा मेरे पास रहता तो इसका समाधान करने में इतना समय नहीं लगता। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के इस निर्णय को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि खुशी है कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर को विकास के पथ पर सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए खंड विकास परिषद के चुनावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें 98 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, मतदाता जो कि पंच और सरपंच थे, उन्होंने बड़ी संख्या में मतदान किया और इसने एक बड़ा संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थायित्व का दौर शुरू होगा, व्यक्तिगत रूचि के चलते सरकार बनाने का खेल अब खत्म होगा और क्षेत्रीय आधार पर भेदभाव की भावना भी दूर होगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सहयोगी संघवाद की सच्ची भावना की शुरूआत होगी, नए राजमार्ग, नई रेलवे लाइन, नए स्कूल, नए कालेज, नए अस्पताल जम्मू-कश्मीर को विकास के नए पथ पर ले जाएंगे। पूर्वोत्तर राज्यों में हुए विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में अलगाववादी प्रवृत्ति की छवि बदलकर विकास और समावेश के रूपमें बदल रही है, सदियों पुरानी समस्याओं का अब समाधान हो रहा है, पूरा पूर्वोत्तर अब सदियों पुरानी हिंसा और नाकेबंदी से खुद को मुक्त पा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सरदार पटेल के कार्यों से प्रेरणा लेकर देश में पूर्ण आर्थिक, संवैधानिक एकीकरण पर जोर दे रही है, यह एक ऐसा प्रयास है, जिसके बिना हम 21वीं सदी में सशक्त भारत की कल्पना नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्थायित्व के लिए उद्देश्य में एकता, प्रयास में एकता और लक्ष्य में एकता आवश्यक है और यह सरदार पटेल की विचारधारा है कि हमें अपने उद्देश्यों, लक्ष्यों और प्रयोजन में समतावादी भाव रखने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम राष्ट्रीय एकता के इस पथपर आगे बढेंगे, तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।

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