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Saturday 23 November 2019 05:37:06 PM
लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज के स्टेडियम में दो दिवसीय 172वीं रक्षा पेंशन अदालत का उद्घाटन किया। राजनाथ सिंह पहले रक्षामंत्री हैं, जो देश में आयोजित किसी रक्षा पेंशन अदालत का हिस्सा बने हैं। रक्षा पेंशन अदालत का आयोजन सेना की मध्य कमान और रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। भूतपूर्व सैनिकों एवं विधवाओं की पेंशन से जुड़े मामलों को मौके पर निपटाने के उद्देश्य से आयोजित रक्षा पेंशन अदालत में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के पेंशनर्स भाग ले रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एएमसी स्टेडियम में मौजूद भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों एवं दिव्यांग सैनिकों से मिले तथा पेंशन से जुड़े स्टालों का अवलोकन भी किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन संबोधन में रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक प्रयागराज के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन से जुड़े मामलों के त्वरित निपटान सहित निर्धारित समयसीमा में उनके पेंशन लाभों के संवितरण के लिए रक्षा लेखा विभाग सतत प्रयासरत है। रक्षा पेंशन अदालत में भाग लेने आए भूतपूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों का स्वागत करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रनिर्माण एवं देश की सुरक्षा में भूतपूर्व सैनिकों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आगे आनेवाली पीढ़ियों और युवाओं के लिए भूतपूर्व सैनिक हमारे प्रेरणास्रोत हैं। शहीद क्वार्टरमास्टर हवलदार वीर अब्दुल हमीद और शहीद कैप्टन मनोज कुमार पांडेय के देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि देश उनकी शहादत का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने भूतपूर्व सैनिकों के स्वाभिमान का सदैव सम्मान करते हैं और पेंशन अदालत का आयोजन इसी दिश में उठाया गया एक कदम है।
मध्य कमान के सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन ने कहा कि देश में करीब 31 लाख भूतपूर्व सैनिक हैं, जिनमें से उत्तर प्रदेश के 4 लाख भूतपूर्व सैनिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री के प्रयास से करीब सात वर्ष के अंतराल के बाद लखनऊ में रक्षा पेंशन अदालत आयोजित की गई है, इससे पहले वर्ष 2012 में इसका आयोजन हुआ था। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय रक्षा पेंशन अदालत में भूतपूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों के पेंशन, सैन्यभर्ती, रोज़गार, पुनर्वास तथा ईसीएचएस से जुड़े मामलों का मौके पर निस्तारण किया जाएगा। रक्षा लेखा महानियंत्रक संजीव मित्तल ने कहा कि रक्षा पेंशन अदालत एक तंत्र के रूपमें पेंशनरों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि यह लखनऊ में दूसरी तथा उत्तर प्रदेश में 11वीं रक्षा पेंशन अदालत है। पेंशन संवितरण प्रणाली के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए संजीव मित्तल ने कहा कि रक्षा पेंशन विभाग का डिजिटलीकरण प्रगति पर है और शीघ्र ही समग्र पेंशन पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिसपर पेंशन से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा।
रक्षा लेखा महानियंत्रक संजीव मित्तल ने कहा कि पीसीडीए पेंशन प्रयागराज की वेबसाइट www.pcdapension.nic.in पर पेंशन और भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन लाभों से जुड़ी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त पेंशनरों की सहायता के लिए डिफेंस पेंशन कॉल सेंटर और एक टोलफ्री नंबर 1800-180-5325 भी जारी किया गया है। इस मौके पर रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक प्रयागराज विश्वजीत सहाय ने मुख्य अतिथि के रूपमें मौजूद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। पेंशन अदालत के दौरान पेंशनरों के दस्तावेजों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए विभिन्न सैन्य रेजिमेंटों के अभिलेख कार्यालय के प्रतिनिधि मौके पर मौजूद हैं। इस दौरान चिकित्सा जांच सुविधा जैसे विभिन्न स्टाल स्थापित किए गए हैं, इनमें ईसीएचएस, बैंक, आर्मी प्लेसमेंट नोड, सेना भर्ती कार्यालय, सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, भूतपूर्व सैनिक हेल्पलाइन और पंजीकरण काउंटर इत्यादि हैं।