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Saturday 11 January 2020 05:17:46 PM
मुंबई। शोर बेस्ड टेस्ट फेसिलिटी यानी एसबीटीएफ पर व्यापक परीक्षणों के पूर्ण होने के बाद नौसेना के तेजस विमान यानी लाइट कम्बैट एअरक्राफ्ट ने आज 10 बजे आईएनएस विक्रमादित्य के बोर्ड पर लैंडिंग की। कमोडोर जयदीप मावलंकर ने इस प्रथम लैंडिंग का परिचालन किया। कैप्टन दहिया लैंडिंग सेफ्टी ऑफिसर और कमोडोर विवेक पांडे जहाज पर टेस्ट डायरेक्टर थे, जबकि कमोडोर अंकुर जैन एसबीटीएफ से टेलीमेट्री के जरिए एअरक्राफ्ट की निगरानी कर रहे थे। एलसीए नेवी का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने किया है। नौसेना का यह प्रयोग जबरदस्त सफल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर नौसेना को बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डीआरडीओ, एरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद 'सीएसआईआर' तथा एरोनोटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय 'डीजीएक्यूए' की टीमों को बधाई दी है। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में विमान ने गोवा में शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी पर अरेस्टेड लैंडिंग की थी। दिसंबर 2016 में नौसेना ने घोषणा की थी कि वह अधिक वजन के लड़ाकू जेट को शामिल नहीं करेगा, क्योंकि इसके संचालन में काफी दिक्कत सामने आती हैं।
भारत सरकार देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इससे भारतीय सेना का भी मनोबल बहुत ऊंचा है, क्योंकि भारत में नरेंद्र मोदी सरकार देश की सुरक्षा के प्रति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति प्रकट करते हुए दिखाई दे रही है, देश के रक्षा इतिहास में ऐसा पहलीबार देखने को मिल रहा है। भारतीय सेना भी देश की सुरक्षा को लेकर हर संभव कदम उठा रही है। नौसेना ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर लैंडिंग करके एक इतिहास रचा है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन का बनाया यह एयरक्राफ्ट अरेस्टर वायर की मदद से उतरा। इस सफल लैंडिंग के बाद भारत, रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के बाद विमान वाहक पोत पर अरेस्टिड लैंडिंग कराने वाला छठा देश बन गया है।