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Friday 24 January 2020 01:07:48 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से माँ गंगा को स्वच्छ करने का जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया था, वह अब धरातल पर दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि माँ गंगा प्रदेशवासियों के लिए अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार हैं, गंगा यात्रा के दौरान इसके तटीय क्षेत्रों में गंगा बांध, गंगा मेले, गंगा पार्क आदि का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार की ‘गंगा यात्रा’ बिजनौर से बलिया के गंगा रथों को झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां गंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर गंगा यात्रा का थीम सांग भी लॉंच किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ गंगा भारत की नदी संस्कृति की प्रतीक हैं, जिनमें प्रत्येक भारतीय की आस्था है। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा के दौरान इसके तटवर्ती 26 जनपदों में सरकार के सभी विभागों के जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को अवगत कराया जाएगा, इसके साथ विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चिन्हित करते हुए उन्हें लाभांवित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा यात्रा को 'अर्थ गंगा' से जोड़ा जाएगा जिसके अंतर्गत एक सतत विकास कार्यक्रम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगाजी देश के विकास और समृद्धि में भी प्रमुख सहायक हैं। उन्होंने कहा कि माँ गंगा और उसकी सहायक नदियों से उत्तर प्रदेश की धरती सर्वाधिक ऊर्वरक है। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा के दौरान पड़ने वाली 1038 ग्राम पंचायतों और 21 नगर निकायों में ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गौवंश आधारित खेती का विशेष प्रशिक्षण भी संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि माँ गंगा का देश के पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में 2525 किलोमीटर का प्रवाह है, जिसमें 1025 किलोमीटर का सर्वाधिक प्रवाह अकेले उत्तर प्रदेश में है, इसलिए इसे स्वच्छ और निर्मल बनाने की सबसे अधिक जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर का पानी सीसामऊ नाले में गिरा करता था, लेकिन आज नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से इसमें एक बूंद भी सीवर का पानी नहीं गिर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी का परिणाम है कि जाजमऊ में जलीय जीव विलुप्त होने लगे थे, वहीं वर्तमान सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि यहां पुनः जलीय जीव पनपने लगे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना की सफलता जनमानस को प्रयागराज कुम्भ-2019 में देखने को मिली है, दुनिया के इस सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन की चर्चा पूरे विश्व में हुई, कुम्भ के दौरान देश-विदेश के 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने माँ गंगा के स्वच्छ और निर्मल जल में स्नान किया। ज्ञातव्य है कि गंगा यात्रा 27 से 31 जनवरी 2020 तक बिजनौर से कानपुर तथा बलिया से कानपुर तक जाएगी। कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, जलशक्ति राज्यमंत्री बलदेव ओलख, मुख्य सचिव आरके तिवारी, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, सूचना निदेशक शिशिर और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।