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Monday 3 February 2020 04:33:20 PM
लखनऊ। डेफएक्सपो-2020 में प्रदर्शित एमबीडीए के रोमांचक उत्पाद मेक इन इंडिया के लक्ष्य की दिशा में निरंतर विस्तार और वितरण को दिखाता है। इसका एक विशेष आकर्षण यह ख़बर है कि एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स लिमिटेड ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अपनी पहली बोली प्रस्तुत की है, जिसके तहत इस कंपनी ने मेक इन इंडिया लक्ष्य के साथ भारतीय नौसेना के शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (एसआरएसएएम) की आवश्यकता के लिए अपनी आरएफपी प्रतिक्रिया में नवीनतम पीढ़ी का नेवल एयर डिफेंस सिस्टम सी-सेप्टर की पेशकश की है। संयुक्त उपक्रम के इतिहास में इस तरह का कदम बहुत जल्दी उठाया गया है, जिसने डेफएक्सपो के 2018 में आयोजित संस्करण में अपनी शुरूआत की थी। यह साल विशेषरूप से उल्लेखनीय है क्योंकि इस साल भारतीय वायुसेना के लिए भारत में पहला राफेल लड़ाकू विमान आने वाला है, जो एमबीडीए के गेम चेंजिंग हथियारों से सुसज्जित होगा, जिसमें स्कैल्प डीप स्ट्राइक और मेटयोर एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।
एमबीडीए भारत की रक्षा औद्योगिक क्षमताओं के निर्माण के लिए पिछले 50 वर्ष से भारत सरकार और उद्योग के साथ साझेदारी में सक्रिय रूपसे काम कर रहा है। एलएंडटी का कहना है कि एमबीडीए को मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वस्तर पर एक अग्रणी मान्यता प्राप्त है। इसे रक्षा क्षेत्र में एकमात्र वास्तविक एकीकृत बहुराष्ट्रीय कंपनी के रूपमें भी मान्यता प्राप्त है। एलएंडटी का कहना है कि रक्षा क्षेत्र, विशेषकर मिसाइल के क्षेत्र में जैसे अद्वितीय सहयोग होता है, वैसा ही सहयोग हमारे डीएनए में है, जो हमें डीआरडीओ, भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ काम करने और भारत की सार्वजनिक एवं निजी रक्षा औद्योगिक क्षमताओं के विकास में सहयोग करने के लिए भारत के साथ भागीदारी करने के लिए विशिष्ट रूपसे सक्षम बनाता है। एलएंडटी का कहना है कि भारत के उद्योगों को बदलने के लिए क्या जरूरी है, इसके लिए हमारे पास तकनीकी जानकारी है, हमारे पास लंबे समय तक साझेदार के रूपमें काम करने का अनुभव है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे पास सही दृष्टिकोण भी है, हम अपने रिश्ते को सच्चे साझेदार के रूप में देखते हैं न कि खरीदार और विक्रेता के रूप में।
एलएंडटी का कहना है कि इस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए हमारे पास एक समर्पित और मजबूत औद्योगिक सहयोग और ऑफसेट (आईसीओ) टीम है, जो पूरी तरह से भारत के साथ साझेदारी पर काम करती है, एमबीडीए आईसीओ टीम ने भारत की रक्षा-औद्योगिक क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक और महत्वपूर्ण स्थानांतरण किया है। इसमें एमआईसीए मिसाइल के 15 प्रमुख सब-असेंबलीज का भारतीय उद्योगों द्वारा विनिर्माण शामिल हैं, जिसमें विभिन्न जटिल प्रौद्योगिकी जैसे मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रोमैकेनिकल और पायरोटेक्निक आइटम्स समाहित हैं। मिस्ट्राल और असराम मिसाइल के लिए भी भारत की रक्षा-औद्योगिक क्षमताओं के निर्माण के लिए इसी तरह के स्थानांतरण किए गए हैं, जिसमें औद्योगिक क्षमताओं की स्थापना, पूर्ण मिसाइल एकीकरण और फाइनल असेंबली और परीक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण शामिल है। एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स लिमिटेड भारतीय सशस्त्र बलों के लिए जटिल हथियार क्षमताएं अगली पीढ़ी को उपलब्ध कराने और जटिल हथियार क्षेत्र में भारत के रक्षा उद्योग की क्षमताओं को विकसित करने के लिए एमबीडीए का एक जरिया है। एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स लिमिटेड का फिर से अपना एक अलग स्टैंड होगा और यहां एसआरएसएएम, एटीजीएम5 और एक्सोसेट एमएम40 बी3 सहित कई उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।
इसका सबसे रोमांचक उदाहरण है-एटीजीएम5, जिसे भारत की विशिष्ट परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। एटीजीएम5 को एमएमपी युद्धक्षेत्र एंटी-टैंक हथियार की अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पर तैयार किया जाएगा, जो पहले से ही फ्रांस में उपयोग किए जा रहे हैं। घरेलू रक्षा उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एटीजीएम5 वास्तविक रूपसे भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित आईडीडीएम उत्पाद होगा, जिसमें भारत के लिए अगली पीढ़ी की प्रमुख तकनीकों का स्थानांतरण शामिल है। एटीजीएम5 के लिए एक नया कार्यात्मक सिमूलेटर डेफएक्सपो 2020 में पहली बार पेश किया जाएगा। एक्सोसेट एमएम40 बी3 लोकप्रिय एक्सोसेट मिसाइल परिवार का नवीनतम संस्करण है, इसमें सिस्टम की रेंज को 200 किलोमीटर से अधिक करने के लिए मिसाइल के पारंपरिक रॉकेट मोटर को टर्बोजेट के साथ प्रतिस्थापित करना शामिल है, जबकि मिसाइल के पहले से ही उत्कृष्ट नेवीगेशन सिस्टम को और भी बेहतर बनाया गया है। भारतीय सशस्त्र बल पहले से ही एसएम39 का संचालन कर रहे हैं, जो एक्सोसेट परिवार का हिस्सा है, अन्य परिचालन क्षेत्रों में भी एक्सोसेट का उपयोग करना एक तार्किक कदम है।
ऐसा करने से यह महत्वपूर्ण परिचालन, लॉजिस्टिक और प्रशिक्षण लाभ प्रदान करेगा। मध्यम श्रेणी एंटी-शिप मिसाइल के लिए भारत के आरएफआई के जवाब में एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स लिमिटेड ने एमएम40 एक्सोसेट ब्लॉक3 को पेश किया है और इसे एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स लिमिटेड के स्टैंड पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। उम्मीद की जाती है कि एमबीडीए अपने स्टैंड पर मिसाइल और मिसाइल सिस्टम्स पोर्टफोलियो की पूरी श्रृंखला को प्रदर्शित करेगा, जिसमें भारत और अन्य देशों के मुख्य रक्षा क्षेत्रों की वायु, थल और जल के लिए रुचि हो सकती है। सी सेप्टर एक नई पीढ़ी का ऑल वेदर एयर डिफेंस सिस्टम है, जो भारतीय नौसेना के लिए विशेष रुचि वाला है, भारतीय नौसेना अपनी शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल की जरूरत को पूरा करने के लिए इस पर विचार कर रही है। नई उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सी सेप्टर एक साथ 360 डिग्री से होने वाले पूर्ण हमले सहित सभी ज्ञात और अनुमानित वायु हमलों से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है। पूर्व पीढ़ी के सिस्टम की तुलना में प्रदर्शन में बहुत अधिक बदलाव के लिए सी सेप्टर सीएएमएम मिसाइल का उपयोग करता है, जिसमें अगली पीढ़ी का ऑल वेदर फुली एक्टिव आरएफ-सीकर, टू-वे डाटालिक और सॉफ्ट-वर्टिकल लॉन्च सिस्टम जैसे फीचर्स हैं।
मीका की आपूर्ति भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 को अपग्रेड करने के लिए की जा रही है। यह राफेल के साथ निकटता से जुड़ा एक वेपन सिस्टम भी है। एमबीडीए के स्टैंड में प्रदर्शित यह दुनिया की अकेली ऐसी मिसाइल है, जिसमें नज़दीकी लड़ाई से लेकर दृश्य सीमा से परे तक की लड़ाई को कवर करने के लिए दो इंटरऑपरेबल सीकर्स एक्टिव रडार और इमेजिंग इंफ्रारेड दिए गए हैं। एंड गेम के अंतिम चरण में सीकर को लॉक करने से पहले निष्क्रिय मोड में बीवीआर के लिए उड़ान भरने की इसकी क्षमता की वजह से इसे साइलेंट किलर का उपनाम दिया गया है, इससे दुश्मन को प्रतिक्रिया देने या प्रभावी रक्षात्मक उपाय करने के लिए बहुत कम समय मिलता है। एएसआरएएएम की आपूर्ति आईएएफ को उसके नई पीढ़ी के क्लोज कॉम्बैट मिसाइल कार्यक्रम के तहत की जा रही है। अपनी बड़ी रॉकेट मोटर और साफ एयरोडायनामिक डिजाइन के साथ एएसआरएएएम में बेजोड़ गति और परिणामी वायुगतिकीय गतिशीलता और सीमा क्षमता है। एएसआरएएएम इसे एक उच्च गतिमान क्षमता प्रदान करता है जो विजुअल रेंज हवाई युद्ध के लिए बेहतर एंड-गेम प्रदर्शन प्रदान करता है। एएसआरएएएम को भारतीय वायुसेना के उन्नत जगुआर बेड़े और संभवत: अन्य आईएएफ प्लेटफॉर्म में उपयोग किया जाएगा। मेटेओर एमबीडीए की क्रांतिकारी रैमजेट संचालित और नेटवर्क-सक्षम विजुअल रेंज के परे एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसे हवाई लड़ाई के लिए एक गेम चेंजर के रूप में पहचाना जाता है।
इसकी प्रमुख विशेषता है मेटेओर का थ्रोटेलेबल रैमजेट इंजन, एक्टिव रडार सीकर और डाटालिक मिलकर विस्तारिज रेंज में बेजोड़ एंड-गेम स्पीड और गतिशीलता प्रदान करते हैं। इसका महत्वपूर्ण ‘नो-एस्केप जोन’ किसी अन्य मौजूदा या संभावित बीवीआर हथियार की तुलना में कई गुना अधिक है। मेटेओर एक छह-यूरोपीय देशों का कार्यक्रम है, जो यूरोप के नई पीढ़ी के लड़ाकू प्लेटफॉर्म्स के लिए भविष्य का महत्वपूर्ण बीवीआर एयर-टू-एयर शस्त्र प्रदान करेगा। भारतीय वायु सेना इस बेजोड़ प्रणाली को अपने नए राफेल विमान में हासिल कर रही है। एक आधुनिक वायुसेना के लिए डीप स्ट्राइक एक प्रमुख जरूरत है। हाई वैल्यू टारगेट जैसे अच्छी तरह से संरक्षित नियंत्रण बंकर्स/ सेंटर्स, प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर्स और सैन्य प्रतिष्ठानों पर एक सुरक्षित स्टैंड-ऑफ दूरी से सटीक हमला करने की क्षमता युद्ध के शुरुआती दिनों में महत्वपूर्ण है, जैसाकि इराक और लीबिया में देखा गया था। डेफएक्सपो 2020 में एमबीडीए स्कैल्प को प्रदर्शित कर रहा है, जिसे भारतीय वायुसेना को नए राफेल विमानों के लिए भारत में उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां यह गेम चेंजिंग डीप स्ट्राइक क्षमता प्रदान करेगा। स्कैल्प ने युद्ध अभियानों के दौरान बहुत लंबी दूरी से सैन्य बुनियादी ढांचे के सबसे कठोर लक्ष्य पर विनाशकारी प्रभाव के साथ अपनी बेजोड़ क्षमता के साथ स्वयं को साबित किया है। मिस्ट्रल एटीएएम एयर-टू-एयर मिसाइल लॉन्चर भारत को एएलएच और एलसीएच को सुसज्जित बनाने के लिए उपलब्ध कराया गया है।
एएलएच पर सिस्टम दो लॉन्चर्स पर आधारित है और प्रत्येक पर दो एमबीडीए एयर-टू-एयर मिस्ट्रल मिसाइल को तैनात किया गया है। इन हेलीकॉप्टर्स की विस्तृत भूमिका को देखते हुए मिस्ट्रल हेलीकॉप्टर के क्रू को एक ऐसा हथियार प्रदान करेगा, जो न केवल उपयोग में आसान हो, बल्कि ऐसा हो जिसे पृथ्वी से 15,000 फुट की ऊंचाई पर और 200 नोट्स की उड़ान स्पीड में भी संचालित किया जा सके। इसी सिस्टम को एचएएल द्वारा निर्मित एलसीएच प्लेटफॉर्म पर पहले से ही सफलतापूर्वक एकीकृत किया जा चुका है। मिस्ट्राल ने खुद को सभी फायरिंग में 96 प्रतिशत की सफलता दर के साथ साबित किया है। एमबीडीए बहुत उच्च-प्रदर्शक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम को डेफएक्सपो 2020 में प्रदर्शित करेगा, जो पहले ही भारत के लिए फायरिंग मूल्याकंन परीक्षणों में असाधारण रूपसे बेहतर प्रदर्शन कर चुका है, जो भारत की परिचालन आवश्यकताओं से अधिक और पहाड़ी, रेगिस्तान और समुद्र में मिसाइल सिस्टम की मांग के लिए तय मानकों से अधिक अच्छा था। यदि मिस्ट्राल का चुनाव भारत के वैशोर्ड के लिए किया जाता है तो मिस्ट्राल मिसाइल के परिचालनात्मक फायदों के साथ-साथ, प्रमुख औद्योगिक फायदे भी मिलेंगे, क्योंकि मिसाइल का निर्माण भारत में माइलन के सफल उत्पादन के लिए किए गए अनुबंध की तरह ही लाइसेंस के तहत पूरी तरह से भारत में किया जाएगा।
मिस्ट्राल को भारत के हेलीकॉप्टर्स (एएलएच और एलसीएच) के लिए पहले ही चुन लिया गया है और एटीएएम हेलीकॉप्टर्स में एकीकृत किया गया है, मैनपैड्स सिस्टम के रूपमें ऑपरेटिंग मिस्ट्रल प्रमुख लॉजिस्टिक और स्टॉक मैनेजमेंट लाभ प्रदान करेंगे। एक्सोसेट संभवता दुनिया की सबसे अच्छी ज्ञात एंटी-शिप मिसाइल है। इसे भारत में सबमरीन वेरिएंट, एसएम 39 के रूपमें जाना जाता है। इसे भारतीय नौसेना को उसकी स्कोर्पियन पनडुब्बी (प्रोजेक्ट 75) में लगाने के लिए उपलब्ध कराया गया है। एएम39 संस्करण को मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट, हमलावर लड़ाकू विमान जैसे राफेल और मध्यम से भारी वजन वाले हेलीकॉप्टर्स से लॉन्च किया जा सकता है। लो सिग्नेचर, बहुत कम ऊंचाई पर सी-स्कीमिंग फ्लाइट, लेट सीकर एक्टीवेशन, विस्तारित लक्ष्यभेदन क्षमता और ईसीसीएम जैसे फीचर्स मिलकर इसे एक वास्तविक अदम्य हथियार बनाते हैं। अपने ब्लॉक2 मोड2 के नवीनतम विकास में अब यह पूरी तरह से नई पीढ़ी के एयरक्राफ्ट प्लेटफॉर्म्स के लिए अनुरूप है। एक्सोसेट परिवार के भीतर एमएम40 ब्लॉक3 संस्करण एक 200 किलोमीटर से अधिक के वर्ग का हथियार है, जो जहाज या तटीय आक्रमण स्थल से लॉन्च करने के लिए उपयुक्त है। एक्सोसेट में 3डी वे प्वाइंट्स, लो सी-स्कीमिंग फ्लाइट प्रोफाइल और तटीय भूमि लक्ष्य के साथ-साथ जहाजों पर हमला करने जैसे फीचर्स हैं।
मार्ट फिक्स्ड और रोटरी विंग और शिप-लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल वेपन सिस्टम्स का एक परिवार है, जिसे जटिल समुद्री पर्यावरण और नीले पानी में परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। डेफएक्सपो 2020 में एमबीडीए मार्ट ईआर को प्रदर्शित कर रहा है, जो परिवार का नया सदस्य है। हाई सब-सोनिक मार्ट ईआर एक टर्बो-जेट इंजन से सुसज्जित है जो इसे 120 किलोमीटर से अधिक की रेंज प्रदान करता है, जिससे यह दुश्मन के जहाजों पर क्षितिज से निशाना साधने में सक्षम है। अन्य संवर्द्धन में लक्षित हमले के लिए एक समय तय करने के लिए एक अनुकूलित टर्मिनल गाइडेंस सिस्टम और एल्टीट्यूड और समय सहित 4डी वेप्वाइंट्स शामिल हैं। मार्ट ईआर रोटरी और फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, जहाजों और भूमि आधारित तटीय रक्षा प्रणालियों को एक महत्वपूर्ण परिचालन लाभ प्रदान करता है। एमबीडीए अपने नेवल क्रूज मिसाइल को भी प्रदर्शित करेगा। इस बहुत लंबी दूरी वाली सरफेस अटैक स्टैंड-ऑफ मिसाइल को दुश्मन के इलाके में भीतर तक घुसकर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी सीमा को देखते हुए यह नौसेना और सरफेस और सब-सरफेस जहाजों को एयरक्रॉफ्ट से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल के विपरीत लंबे समय तक विघटित बल को बनाए रखने की क्षमता प्रदान करेगा। युद्ध-सिद्ध बड़े आकार और 1400 किलोग्राम वजन, 6.50 मीटर की कुल लंबाई और 0.5 मीटर व्यास के साथ, एनसीएम प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर टारगेट के खिलाफ विनाशकारी शक्ति प्रदान करता है।
हथियार का गाइडेंस सिस्टम अधिकतम सटीकता और न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करता है, जो टर्मिनल फेस में मीट्रिक सटीकता को प्राप्त करने के लिए एक इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर के साथ इनर्शियल गाइडेंस, टेरेन मैचिंग और जीपीएस को आपस में जोड़ती है। मिसाइल का परीक्षण पहले ही सरफेस शिप और सबमरीन लॉन्च किया जा चुका है। परीक्षण फायरिंग की श्रृंखला को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद मई 2015 में सरफेस शिप परिचालनात्मक क्षमता की घोषणा की गई। गौरतलब है कि एमबीडीए एकमात्र यूरोपीय समूह है, जो तीनों सशस्त्र बलों थल, जल और वायु की वर्तमान और भविष्य की परिचालन आवश्यकताओं की पूरी श्रृंखला के अनुरूप मिसाइल और मिसाइल सिस्टम्स की डिजाइनिंग और निर्माणकर्ता है। पांच यूरोपीय देशों और अमेरिका में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ 2019 में एमबीडीए ने 17.4 अरब यूरो के ऑर्डर बुक के साथ 3.2 अरब यूरो का टर्नओवर हासिल किया है। दुनिया में 90 से अधिक सशस्त्र बल ग्राहकों के साथ एमबीडीए मिसाइल और मिसाइल सिस्टम्स में वर्ल्ड लीडर है। कुल मिलाकर यह समूह 45 मिसाइल सिस्टम्स और काउंटरमेजर्स उत्पादों की एक श्रृंखला की पेशकश करता है जो पहले से ही परिचालन सेवा में हैं और 15 अन्य उत्पाद वर्तमान में विकसित किए जा रहे हैं। एमबीडीए पर संयुक्त रूपसे एयरबस 37.5 प्रतिशत, बीएई सिस्टम्स 37.5 प्रतिशत और लियोनार्डो 25 प्रतिशत का स्वामित्व है।