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Friday 6 March 2020 01:39:05 PM
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डॉ राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सीएसआर कॉनक्लेव के समापन समारोह को सम्बोधित किया और कहा कि शिक्षकों में बच्चों के प्रति एक माँ की तरह के भाव होने चाहिएं, इससे बच्चों का आत्मबल बढ़ेगा, जो उनके बौद्धिक और मानसिक विकास में सहायक सिद्ध होगा। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा एक मजबूत नींव के समान है और बच्चे देश के भविष्य निर्माता हैं, वह जितने प्रबुद्ध और सशक्त होंगे, देश उतना ही अधिक बौद्धिक रूपसे समृद्धशाली एवं शक्तिशाली होगा और यह तभी सम्भव है, जब बुनियादी शिक्षा सुदृढ़ होगी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने प्रेरणाप्रद संबोधन में आगे कहा कि अध्यापक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें, स्कूलों में सद्वाक्य लिखें, जिन्हें बच्चे पढ़ें और आत्मसात करें। राज्यपाल ने कहा कि अध्यापक बच्चों को संस्कार वाली शिक्षा दें, जिससे बालक-बालिकाओं में चरित्र की सुदृढ़ नींव पड़े, संस्कार विहीन शिक्षा तो निरर्थक है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अध्यापकों को बच्चों में सेवाभाव से कार्य करने के संस्कार विकसित करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अक्षर ज्ञान देते समय उन्हें अर्थ भरे नाम सिखाएं। राज्यपाल ने आह्वान किया कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2022 तक ‘प्रेरक प्रदेश’ बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सभी लोग अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रेरक प्रदेश की राह में सीएसआर का बहुत बड़ा योगदान होगा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर मीना मंच के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को मीना प्रेरक पुरस्कार तथा सीएसआर कम्पनियों एवं बैंक प्रतिनिधियों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने मासिक पत्रिका ‘प्रेरणा’ का विमोचन और बेसिक शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में इस प्रकार की गुणात्मक शिक्षा दी जाए, जिससे ये स्कूल उच्चवर्ग के लोगों की भी पहली पसंद बनें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, विशेष सचिव डीपी सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम सिंह, अध्यापक, बच्चे और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।