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Monday 20 April 2020 11:23:43 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों से कहा है कि लॉकडाउन की अवधि तक राज्य में जारी समस्त प्रतिबंधों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से यह भी कहा है कि वे अपने-अपने जनपदों में बीस अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान कुछ गतिविधियों में छूट के संबंध में स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें और अपने निर्णय से शासन को भी अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 ऐसे संवेदनशील जनपदों जिनमें 10 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं, वहां के भी जिलाधिकारी पूरी सजगता और सतर्कता से निर्णय लें, लेकिन राजधानी लखनऊ और प्रदेश के हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की छूट लागू नहीं होगी, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में मेडिकल, स्वच्छता तथा डोर स्टेप डिलीवरी गतिविधियां ही संचालित की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट के अलावा भी अन्य सभी स्थलों को व्यापक स्तरपर सैनेटाइज किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर जिलाधिकारियों को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार से सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के मानकों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट देने के सम्बंध में जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, एसपी, एसएसपी, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी, डीआईजी, आईजी, एडीजी, उद्यमी परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लेंगे, लेकिन भीड़ एवं अराजकता की स्थिति पैदा नहीं होने दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे, हाईवे तथा निर्माण के सम्बन्ध में स्थानीय स्तरपर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, किसानों को उनकी फसल कटान का ध्यान रखा जाए और उन्हें उसका हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना भी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज को क्रय केंद्रों के अलावा उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च के अंतिम दिनों में बाहर से प्रदेश में आए उन सभी प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों में पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए, जो क्वारंटीन की अवधि पूर्ण कर चुके हैं, फिर भी उन्हें होम क्वारंटीन किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरपर अलग-अलग टीम गठित कर प्रत्येक टीम को अलग जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश के चारे आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राजस्था न के कोटा शहर में अध्ययनरत लगभग 8 हजार छात्र-छात्राओं को उत्तर प्रदेश सरकार वहां से घर वापसी के लिए ले आई है, इन सभी की भी होम क्वारंटीन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, कोई भी नया व्यक्ति यदि बाहर से आता है तो उसके मूवमेंट पर नज़र रखी जाए, हर गांव-कस्बे में वालिंटियर्स की सहायता से यह कार्य किया जाए, ये वालिंटियर्स युवक मंगल दल, एनसीसी, एनएसएस, चौकीदार, नेहरू युवा केंद्र आदि के हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए व्यक्ति को हर हाल में क्वारंटीन किया जाए, यह देखा जाए कि मंडी, बैंक, राशन, दवा की दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग में किसी भी प्रकार की कोताही न हो। उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन को भी रोका जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जिलों से कहा कि यद्यपि लॉकडाउन और कोरोना के संबंध में शासन स्तरपर प्रतिदिन मीडिया ब्रीफिंग की जा रही है, यदि स्थानीय स्तरपर इसकी आवश्यकता होती है तो सावधानी से पूरी तथ्यपरक जानकारी और तैयारी के साथ मीडिया ब्रीफिंग की जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 23 अप्रैल से माहे रमजान प्रारम्भ हो रहा है, इस सम्बंध में मुस्लिम धर्मगुरुओं, मौलवियों और मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित नहीं होगी और वे अपने सभी धार्मिक कार्य घर से ही सम्पन्न करेंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा तब्लीगी जमात से जुड़े हैं और प्रशासन के सामने यह दिक्कत आ रही है कि कोरोना संक्रमित लोगों को घर में छिपाया जा रहा है और पता लगने पर जब पुलिस और डॉक्टरों की टीम वहां जाती है तो उसपर घातक हमले किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने स्थाॉनीय प्रशासन को पूरी छूट दी है कि ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाए और पकड़े गए हमलावरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई की जाए। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेशचंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमितमोहन प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।