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Tuesday 21 April 2020 06:53:37 PM
लखनऊ। अक्षयपात्र फाउंडेशन न केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बल्कि आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना एवं त्रिपुरा में भी लॉकडाउन से जहां-तहां ठहरे या फंसे जरूरतमंदों को भोजन और राशन देने का काम कररहा है। लॉकडाउन के बाद से अक्षयपात्र अबतक करीब दो करोड़ से ज्यादा जरूरतमंदों को भोजन और बुनियादी सुविधाएं दे चुका है, जिसका क्रम निरंतर जारी है। अक्षयपात्र फाउंडेशन ने देशभर के विभिन्न स्थानों पर लोगों को 17 अप्रैल तक कुल मिलाकर 93.57 लाख लोगों को ताजा पकाया भोजन और 3.02 लाख लोगों को खाद्य राहत किट दी है। लॉकडाउन में सरकार के राहत प्रयासों का पालन और समर्थन करते हुए अक्षयपात्र फाउंडेशन देशभर में दिहाड़ी मजदूर, औद्योगिक श्रमिक, करीब दो करोड़ खानाबदोश लोगों को भोजन दे चुका है।
अक्षयपात्र फाउंडेशन भारत सरकार, विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों वहां के स्थानीय निकायों के साथ मिलकर काम कर रहा है। अक्षयपात्र अपने किचन नेटवर्क का उपयोग भोजन तैयार करने में करता है। भोजन बनने के बाद अधिकारियों के बताए केंद्रों पर जाता है, जहां भोजन लोगों को परोसा जाता है। देशभर के विभिन्न स्थानों पर पैकेजिंग केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। जहां जिसका जैसा भोजन है, वहां उसको वैसी ही खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उदाहरण के लिए बंगलुरू में वितरित की जाने वाली किट में चावल, अरहर की दाल, तेल, मसाले, सांबर और रसम पाउडर और सब्जियां होती हैं। प्रत्येक किट में 42 टाइम यानी 21 दिन की भोजन सामग्री होती है, वहीं उत्तर भारत में यहां के हिसाब से खाद्य किट होती है। इस प्रयास में अक्षयपात्र फाउंडेशन को कॉर्पोरेट घरानों और व्यक्तिगत सहयोग प्रदाताओं की भी सहायता प्राप्त हो रही है। सुधा मूर्ति और नारायणमूर्ति एवं उनके परिवार ने अक्षय पात्र को इस राहत कार्य के लिए अपने निजी कोष से 10 करोड़ का योगदान दिया है। अक्षयपात्र ने अबतक 1.33 लाख खाद्य राहत किट वितरित की हैं, जो 55,86,000 लोगों को भोजन देने के बराबर हैं।
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को राहत देने के प्रयासों में योगदान देने के लिए कई और भी संगठन आगे आए हैं। इनमें पेप्सिको फाउंडेशन, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्यूश बैंक,डीएलएफ फाउंडेशन, एचटी पारेख फाउंडेशन, इंफोसिस फाउंडेशन, नेस्ले इंडिया, गोल्डमैन प्रमुख हैं। सिस्को, बायोकॉन फाउंडेशन, कोकाकोला, ग्लैंड फार्मास्यूटिकल्स, कैपजेमिनी, मॉर्गन स्टेनली, वेदांता, हीरो मोटो कॉर्प, वॉलमार्ट, विवो, सरोजिनी ट्रस्ट और टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स ने भी अपना सहयोग दिया। इसी तरह बॉलीवुड से ऋतिक रोशन और रवीना टंडन ने भी फाउंडेशन के प्रयासों के लिए अंशदान दिया है। बिस्कुट केक और दही बनाने वाली कंपनियों ने भी अपने प्रोडक्ट जरूरतमंदों को दिए हैं। इंस्पायरिंग इंडियंस और कोरोना वॉरियर्स के साथ-साथ इंफोसिस फाउंडेशन और बायोकॉन जैसे संगठनों के कॉरपोरेट वॉलंटियर्स भी इस पुण्य में शामिल हैं। अक्षयपात्र फाउंडेशन के अध्यक्ष मधु पंडित दास बताते हैं कि हम सभी के सहयोगात्मक प्रयासों के कारण ही इस कठिन समय में जरूरतमंद लोगों को भोजन परोसने में सक्षम हुए हैं। अक्षयपात्र की सेवा में विश्वास रखने के लिए उन्होंने भारत सरकार, राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन और स्थानीय नागरिक निकायों के प्रति हार्दिक आभार जताया है।
मधु पंडित दास ने अपने परम सहयोगी दानदाताओं, स्वयंसेवकों और शुभचिंतकों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कोरोना संक्रमण पर विजय हासिल होगी और जल्द ही संकटकालीन स्थिति में सुधार होगा एवं लोग अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में वापस आने में सक्षम होंगे। मधु पंडित दास ने कहा कि जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तबतक अक्षयपात्र फाउंडेशन अधिक से अधिक लोगों की सेवा करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा। उल्लेखनीय है कि अक्षयपात्र फाउंडेशन एक गैरलाभकारी संगठन है, जो भारत में कुपोषण को दूर करने का प्रयास करता है। यह संस्था सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 40 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत रोज दोपहर का पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराती है, ताकि बच्चे स्वस्थ रहते हुए विद्याध्ययन कर सकें।