स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 1 May 2020 03:03:57 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लॉकडाउन के बीच भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में हुए लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम के 45वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूपमें ऑनलाइन संबोधित किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के 45 वरिष्ठ अधिकारी और सैन्यबलों की सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से आईआईपीए निदेशक सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, डीओपीटी सचिव सी चंद्रमौली, आईआईपीए रजिस्ट्रार अमिताभ रंजन और आईआईपीए संकाय के शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों ने भाग लिया।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लॉकडाउन की बंदिशों के बावजूद शैक्षणिक कार्यक्रम की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के विभिन्न तरीकों में सुधार करने के लिए आईआईपीए की सराहना की, जिसमें अभ्यर्थियों की मौखिक परीक्षा को ऑनलाइन कराया जाना भी शामिल है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बदलते वक्त के हिसाब से संस्थान में बदलाव करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बदलाव और सुधार के क्रम में एक जीवंत और गतिशील इकाई अपने मौजूदा तरीकों में लगातार संशोधन और पुनः अवलोकन करती रहती है। कार्मिक राज्यमंत्री ने कोविड महामारी के चलते लॉकडाउन की स्थिति एक ऐसा अवसर है, जब आईआईपीए ने अपने एक विशेष उद्देश्य को खास तरीके से पूरा किया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड ने एक बार फिर से वर्तमान सरकार के न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन के संकल्प को साबित किया है। उन्होंने कहा कि भारत कोविड के प्रभावी रखरखाव से जहां वैश्विक देशों में अग्रणी देश के रूपमें सामने आया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से शीर्ष वैश्विक नेताओं में सामने आए हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए से अपने प्रयासों को जारी रखने का अनुरोध किया और कहा कि कोविड-19 से हमें सबक सीखने तथा नए मॉडल विकसित करने का अवसर मिला है, जो दूसरों के लिए भी मिसाल बन सकते हैं। कार्यक्रम की सह निदेशक डॉ नीतू जैन ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।