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Friday 1 May 2020 05:53:33 PM
मुंबई। भारतीय निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों पर 21 मई को चुनाव कराने जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण अगर यह चुनाव इस तिथि तक नहीं हो पाते तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ता। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के अनुरोध और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चुनाव कराने की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय निर्वाचन आयोग ने आज महाराष्ट्र में विधायकों से विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव कराने की व्यवहार्यता से संबंधित मामले की समीक्षा की और महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव कराने का फैसला किया। इस प्रकार चुनाव होने से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चुने जाने की स्थिति में उनकी कुर्सी बच जाएगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा बाकी दो निर्वाचन आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ अमरीका से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल हुए। महाराष्ट्र में 24 अप्रैल 2020 को विधान परिषद की नौ सीटें रिक्त हुई थीं। निर्वाचन आयोग ने 3 अप्रैल 2020 को कोविड संक्रमण के मद्देनज़र अनुच्छेद 324 का प्रयोग करते हुए अगले आदेश तक चुनाव स्थगित कर दिए थे। निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव का 30 अप्रैल 2020 का एक पत्र मिला, जिसमें उन्होंने महामारी को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की जानकारी दी और कहा कि राज्य सरकार के आकलन के अनुसार विधान परिषद की रिक्त नौ सीटों पर सुरक्षित माहौल में चुनाव कराए जा सकते हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने निर्वाचन आयोग को आश्वासन दिया है कि सामाजिक दूरी का पालन करते हुए चुनाव स्वच्छ स्थितियों में कराए जाएंगे तथा सक्षम अधिकारियों के निर्देशों एवं उपायों का अनुपालन होगा।
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों आदि व्यक्तियों की आवाजाही की अनुमति से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 अप्रैल 2020 के आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि वह चुनाव कराते समय गृह मंत्रालय के इन आदेशों के पालनार्थ पूरा ध्यान रखेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से 30 अप्रैल 2020 को लिखा एक डीओ पत्र भी प्राप्त हुआ है, जिसमें राज्य में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने की व्यवहार्यता के बारे में हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पत्र निर्वाचन आयोग से यह कहा है कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूपमें शपथ ली थी और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पद की शपथ लेने के छह महीने की अवधि के भीतर यानी 27 मई 2020 या उससे पहले उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य बनना जरूरी है। उन्होंने यह भी लिखा कि कोरोना संक्रमण की जमीनी स्तरपर स्थितियां अब ठीक हैं, सरकार से दी गई छूट के बाद से इसमें सुधार होता दिखाई दे रहा है, इसलिए पूरी स्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव कराने के तौर-तरीकों पर विचार किया जाए।
निर्वाचन आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों महाराष्ट्र विधानमंडल कांग्रेस पक्ष, शिवसेना विधिमंडल पक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चुनाव कराए जाने के बारे में किए गए अनुरोध का भी संज्ञान लिया। भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों में पिछले उदाहरणों की समीक्षा की, जब उसने पूर्व प्रधानमंत्रियों के मामलों में 1991 में पीवी नरसिम्हा राव, 1996 में एचडी देवेगौड़ा और कई राज्यों के मुख्यमंत्री जैसे 1991 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, 1997 में बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, 1993 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय भास्कर रेड्डी तथा 2017 में उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और 2017 में नागालैंड के मुख्यमंत्री के संबंध में समान संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपचुनाव कराए थे। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखने के बाद निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र में द्विवार्षिक चुनाव कराने का निर्णय लिया है। आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि केंद्रीय गृह सचिव, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष हैं को अधिनियम के प्रावधानों के तहत चुनाव के लिए निर्वाचन प्रक्रिया का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव महाराष्ट्र को राज्य से एक अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने का भी निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव कराने की व्यवस्था करते समय कोविड-19 के बारे में दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए। निर्वाचन आयोग ने इस चुनाव के लिए महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। आयोग ने अगले सप्ताह में पूर्व में स्थगित किए गए अन्य चुनावों की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है। महाराष्ट्र में अब 4 मई सोमवार को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 11 मई है। मत पत्रों की जांच का काम 12 मई को होगा। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 14 मई है। मतदान 21 मई को समय सुबह 09:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक होगा। मतगणना 21 मई को होगी। गोरे नीलम दिवाकर, टाकले हेमंत प्रभाकर, ठाकुर आनंद राजेंद्र, वाघ स्मिता उदय, देशमुख पृथ्वीराज सायाजीराव, पासवस्कर किरण जगन्नाथ, अदसाद अरुण भाउ जनार्दन, रघुवंशी चंद्रकात बेतसिंह, राठौड़ हरिसिंह नासरू से ये स्थान रिक्त हुए हैं।