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Friday 26 June 2020 06:19:08 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में लखनऊ विश्वविद्यालय का शताब्दी वर्ष समारोह मनाए जाने के संबंध में एक बैठक हुई, जिसमें राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार दो-तीन विश्वविद्यालयों को चिन्हित करके उनकी पूरी सहायता करे, जिससे कि वे नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड हासिल कर सकें, क्योंकि प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त नहीं कर सका है। गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री हैं और इन्हीं के दिशा-निर्देशन में यह शताब्दी समारोह मनाया जाना है। राज्यपाल ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का आयोजन ऐतिहासिक, भव्य और यादगार होना चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बेहतर उच्च शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए आवश्यक है कि उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी सप्ताह में एक दिन तय करें, जिस दिन वे विश्वविद्यालयों के कुलपति से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे एवं समस्याओं के निराकरण में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहाकि इसके साथ ही अधिकारी स्वयं भी विश्वविद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की स्थिति का जायजा लें, जिससे छोटी-छोटी समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण हो सके। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षकों और कर्मचारियों की प्रोन्नति समय से करें, जिससे उनका मनोबल बना रहे, विश्वविद्यालय राज्य सरकार पर बोझ न बनें, बल्कि आत्मनिर्भर बनने के लिए आय के स्रोत तलाशें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की यह टिप्पणी कि यूपी का एक भी विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड हासिल नहीं कर सका है, राज्य सरकार एवं उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा प्रबंधन पर एक करारा तमाचा है। आनंदीबेन पटेल स्वयं भी एक शिक्षक रही हैं, इसलिए उनकी यह चिंता स्वाभाविक है कि इतने बड़े राज्य का एक भी विश्वविद्यालय इस मैरिट पर नहीं है। जब यह हालत है तो लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह पर भी प्रश्न खड़े होते हैं, जहां की उच्च शिक्षा व्यवस्था हमेशा गंभीर विवादों में रहती है। बैठक में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षामंत्री डॉ दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी केयूर सम्पत और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।