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Friday 11 September 2020 03:58:06 PM
मुंबई। भारतीय नौसेना के सीओएम एवं सीडब्ल्यूपी और ए वाइस एडमिरल एसआर सरमा और अतिरिक्त सचिव (रक्षा उत्पादन) वीएल कांताराव ने प्रतिष्ठित पी 17ए श्रेणी के रेडार से बच निकलने वाले तीसरे युद्धपोत (यार्ड-12653) के लिए जहाज का पेंदा लगाया, यानी पोत के पतवार के नीचे केंद्र रेखा के साथ अनुदैर्ध्य संरचना, जिसपर बाकी पतवार का निर्माण किया जाता है, कुछ जहाजों में स्थिरता बढ़ाने के लिए ब्लेड या रिज के रूपमें नीचे की ओर बढ़ाया जाता है। वाइस एडमिरल आरबी पंडित चीफ ऑफ स्टाफ एचक्यूडब्ल्यूएनसी और वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) सीएमडी एमडीएल की उपस्थिति में ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से समारोह हुआ।
पी 17ए श्रृंखला के तहत सात युद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से चार का निर्माण एमडीएल में और तीन का जीआरएसई में एमडीएल के साथ लीड यार्ड के रूपमें किया जा रहा है। पी 17ए श्रेणी के युद्धपोत को स्वदेशी रूपसे विकसित स्टील के उपयोग से बनाया जा रहा है, इसमें एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम के साथ हथियार और सेंसर लगाए गए हैं। गौरतलब है कि माझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड इसका निर्माण कर रहा है। इन जहाजों की रेडार से बच निकलने की विशेषता होती है। पी 17ए जहाजों का निर्माण आधुनिक तकनीक इंटीग्रेटेड कंस्ट्रक्शन को अपनाने के तरीके से युद्धपोत निर्माण की अवधारणा से भिन्न है, जहां युद्धपोतों के शामिल होने से पहले उनके निर्माण की अवधि कम करने के लिए ब्लॉक पहले से ही निर्मित किए जाते हैं।
माझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड भारत का अग्रणी शिपयार्ड है, इसका मुख्य कार्य मुंबई एवं न्हावा यार्ड में उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप पनडुब्बियों और युद्धपोतों का निर्माण करना है। युद्धपोत यार्ड-12653 भारतीय नौसेना के बेड़े की युद्धक क्षमता को और बढ़ाएगा। डीजीएनडी रियर एडमिरल जीके हरीश, निदेशक (सीपी और पी) एमडीएल, सेवानिवृत्त कमोडोर टीवी थॉमस निदेशक जहाज निर्माण, सेवानिवृत्त रियर एडमिरल एके सक्सेना, सेवानिवृत्त कमांडर जसबीर सिंह निदेशक एमडीएल, निदेशक एमडीएल (वित्त) संजीव सिंघल, सीवीओ एमडीएल महेश चंद्रा, नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी और युद्धपोत निरीक्षण दल ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।