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Saturday 10 October 2020 02:07:34 PM
नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल जैन ने कोयला क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वेबसाइट लॉंच और कहा है कोयला क्षेत्र में ज्ञान और शोध कार्य के प्रसार और प्रोत्साहन में यह वेबसाइट सहायता प्रदान करेगी। अनिल जैन ने वेबसाइट को विकसित करने में सीएमपीडीआई के प्रयासों की सराहना की और सुझाव दिया कि कोयला क्षेत्र में विभिन्न संगठनों के अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के वेब लिंक वेबसाइट में उपलब्ध कराए जाने चाहिएं। कोयला मंत्रालय ने अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने और कोयला क्षेत्र में अनुसंधान संस्थानों को आकर्षित करने हेतु वेबसाइट की शुरुआत की है। अनिल जैन ने मंत्रालय की स्थायी वैज्ञानिक अनुसंधान समिति की 56वीं बैठक वेबसाइट का शुभारंभ किया।
कोल इंडिया के अनुसंधान एवं विकास प्रभाग, सेंट्रल माइंस प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड ने इस वेबसाइट को डिजाइन और विकसित किया है। वेबसाइट में कोयला अनुसंधान परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, ताकि कोई भी व्यक्ति या संगठन अपेक्षित तरीके से प्रस्ताव प्रस्तुत कर सके। वेबसाइट में पूरी हो चुकी परियोजनाओं और अनुसंधान परियोजनाओं की सूची एवं इनके परिणाम उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि इनमें पारदर्शिता रहे और परियोजनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सके। वेबसाइट पर कोयला और लिग्नाइट क्षेत्र से संबंधित फोटो, वीडियो और समाचार क्लिपिंग के साथ-साथ विभिन्न प्रकाशन भी उपलब्ध हैं। वेबसाइट में राष्ट्र की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोयला अनुसंधान के लिए पहचान किए गए प्रमुख क्षेत्रों की भी जानकारी दी गई है। वेबसाइट का लिंक https://scienceandtech.cmpdi.co.in/ है।
कोयला विज्ञान और प्रौद्योगिकी योजना के माध्यम से मंत्रालय कोयला और लिग्नाइट क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि कोयले के उत्पादन, उत्पादकता, सुरक्षा व उपयोग को बेहतर बनाया जा सके, पर्यावरण और पारिस्थितिकी की सुरक्षा की जा सके तथा स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों में सुधार किया जा सके। कोयला मंत्रालय इन विषयों पर शोध के लिए धन भी प्रदान करता है। वर्तमान में अनुसंधान परियोजनाएं कोयला और लिग्नाइट उत्पादक कंपनियों की सक्रिय भागीदारी के साथ आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी, एनआरएससी, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं तथा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा कार्यांवित की जा रही हैं। अनुसंधान परियोजनाओं के लिए नए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान कोयला मंत्रालय की गठित एक उच्चस्तरीय तकनीकी समिति ने की है। इन्हें सीएमपीडीआई वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है, इसके आधार पर पूरे वर्ष के दौरान शोध प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा सकते हैं।