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Saturday 14 November 2020 09:44:44 PM
जैसलमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के साथ दीपावली मनाने की अपनी परंपरा निभाते हुए आज भारत की अग्रिम सीमा पोस्ट लोंगेवाला में वीर जवानों के साथ दिवाली मनाई, उन्हें संबोधित किया और उनसे बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी दिवाली तभी पूर्ण होती है, जब वह जवानों के साथ होते हैं, चाहे वह बर्फ से ढके पहाड़ हों या रेगिस्तान। उन्होंने सीमा पर तैनात सशस्त्र सैन्यबलों को देश के हर एक नागरिक की तरफ से शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने जवानों की माताओं और बहनों को भी शुभकामनाएं देते हुए उनके त्याग के लिए उनका अभिनंदन बोला एवं कहा कि देशवासियों की तरफ से सशस्त्र बलों को शुभकामनाएं हैं, उनके साथ 130 करोड़ भारतीय पूरी दृढ़ता के साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में वही राष्ट्र सुरक्षित है जिसके पास हमलावरों और घुसपैठियों का मुकाबला करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आज भले ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी में बड़ा बदलाव आया है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सुरक्षा की कुंजी सतर्कता है। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता सजगता पर निर्भर करती है और सशक्त होने का आभास विजय के लिए आत्मविश्वास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति बहुत स्पष्ट है, आज का भारत समझ और पारस्परिक अस्तित्व में विश्वास रखता है, लेकिन अगर हमारे धैर्य की परीक्षा ली जाएगी तो हम बराबरी से उसी भाषा में जवाब देंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का विश्व मानता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से किसी भी तरह का समझौता करने वाला नहीं है, ऐसा भारत की बढ़ती क्षमता और दृढ़ता से संभव हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को मजबूती से रख पाता है तो सिर्फ इसलिए क्योंकि भारत के सशस्त्र सैन्य बलों ने सुरक्षा का वातावरण बनाया है, भारत की सैन्य शक्ति के चलते ही आज भारत सुरक्षित है और किसी के साथ आमने-सामने की बातचीत करने में सक्षम हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भारत आतंकवाद को पनाह देने वालों को उनके घर में घुसकर सबक सिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत विस्तारवादी सोच वाली ताकतों का मुकाबला करने के मामले में एक मजबूत आवाज़ बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि विस्तारवाद 18वीं सदी की प्रवृत्ति का प्रतीक है और इस मानसिक विकार से वर्तमान में समूचा विश्व परेशान है।
'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकाल फॉर लोकल' का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सैन्यबलों ने यह फैसला लिया है कि 100 से अधिक प्रकार के हथियार और सैन्य गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों का अब आयात नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोकल फॉर वोकल विचार की अगुवाई करने के लिए सैन्यबलों की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से सैन्यबलों के इस्तेमाल वाले उपकरण निर्मित करने का आह्वान किया, जैसाकि अनेक स्टार्टअप आगे आए हैं और सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जुट गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवाओं के नेतृत्व में स्टार्टअप रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के मार्ग पर निश्चित तौरपर आगे ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सैन्यबलों से प्रेरित होकर ही आज देश कोविड महामारी के दौर में प्रत्येक नागरिक की रक्षा करने के प्रयास में जुटा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश प्रत्येक नागरिक के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने सैनिकों से तीन बातें कहीं-पहली बात नवाचार को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं, दूसरी बात योग को अपने दैनिक जीवन में अपनाएं और तीसरी बात अपनी मातृभाषा और हिंदी तथा अंग्रेजी को छोड़कर किसी नई भाषा को सीखें। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नवाचार उनके जीवन में नई ऊर्जा भर देगा। प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध लोंगेवाला की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि इस युद्ध को सदैव सेना की तैयारियों और रणनीतिक योजनाओं में हमेशा जगह मिलेगी। उन्होंने कहा कि यही वह समय था जब पाकिस्तानी सेना का वीभत्स चेहरा सामने आया था, उसकी सेना बांग्लादेश के मासूम नागरिकों पर जुल्म ढा रही थी और माताओं-बहनों पर अत्याचार कर रही थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर गतिविधियां बढ़ाईं, ताकि वह दुनिया का ध्यान आकर्षित कर सके, मगर बदले में भारत ने उसको मुंहतोड़ जवाब दिया।