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Thursday 6 May 2021 04:27:44 PM
नई दिल्ली/ देहरादून। श्रीबद्रीनाथ धाम के आध्यात्मिक स्मार्ट हिल टाउन के रूपमें निर्माण और पुनर्विकास के लिए तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान-इंडियन आयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओएनजीसी तथा गेल और बद्रीनाथ उत्थान धर्मार्थ न्यास के बीच महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरूण कपूर, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश तथा तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उत्तराखंड सरकार तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपिनयों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान पहले चरण की विकास गतिविधियों में 99.60 करोड़ रुपए का योगदान करेंगे।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि चारधाम आध्यात्मिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक कारणों से लाखों लोगों के हृदय के निकट है। उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान न केवल बद्रीनाथ का विकास कार्य करेंगे, बल्कि केदारनाथ, उत्तरकाशी, यमुनोत्री तथा गंगोत्री के विकास का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बद्रीनाथ तीर्थस्थान को मिनी स्मार्ट तथा आध्यात्मिकनगर के रूपमें क्षेत्र की धार्मिक पवित्रता और पौराणिक महत्व से समझौता किए बिना विकसित करने के विजन की दिशा में मील का पत्थर है। धर्मेंद्र प्रधान ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिकनगर के रूपमें विकसित करने के विजन को साकार करने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रमुख उद्योग है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, इस प्रयास से बद्रीनाथ जैसे स्थलों के विकास से और अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस प्रयास में समर्थन के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोगों के हृदय में श्रीबद्रीनाथ धाम का विशेष स्थान है, इसे देश के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में एक माना जाता है और देशभर के श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए विकास गतिविधियां आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि उत्तराखंड सरकार और तेल तथा गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के संयुक्त प्रयासों से तीन वर्ष की अवधि में श्रीबद्रीनाथ धाम के उत्थान का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इन गतिविधियों में नदी तटबंध कार्य, सभी क्षेत्रीय वाहन मार्ग बनाना, वर्तमान सेतुओं को सुंदर बनाना, आवासीय सुविधा सहित गुरुकुल स्थापित करना, शौचालय तथा पेयजल सुविधा का निर्माण करना, स्ट्रीट लाइट लगाना और भित्तिचित्र बनाना शामिल है।