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तेलुगू सिनेमा का ग्लास स्लाइड का दुर्लभ खजाना

एनएफएआई के संग्रह में 2000 से अधिक फिल्मों की ग्लास स्लाइड हैं

भारतीय सिनेमाई विरासत के उत्कृष्ट रिकॉर्ड हैं-निदेशक एनएफएआई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 30 July 2021 05:43:04 PM

the rare treasure of the glass slide of telugu cinema

नई दिल्ली। नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया ने एक बड़े अधिग्रहण के रूपमें अपने संग्रह में फिल्मों के 450 से अधिक ग्लास स्लाइड्स को जोड़ा है। ये ग्लास स्लाइड्स शुरूआती सिनेमा को देखने के अनुभव का एक अभिन्न हिस्सा हैं। कांच के दो पतले चौखटों के बीच फिल्म के एक पॉजिटिव को दबाकर बनाए गए इन स्लाइडों का उपयोग किसी फिल्म के शुरू होने से पहले या सिनेमाघरों में इंटरवल के दौरान आने वाली नई फिल्म के बारे में घोषणा करने केलिए किया गया था। एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा है कि ये ग्लास स्लाइड भारतीय सिनेमाई विरासत के उत्कृष्ट रिकॉर्ड हैं और हमें इन्हें अपने अभिलेखीय संग्रह में संरक्षित करने की खुशी है। उन्होंने कहा कि तकनीक में हो रहे तेज बदलाव के मद्देनज़र इतनी बड़ी संख्या में इन ग्लास स्लाइडों का होना एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण खोज है। उन्होंने फिल्म प्रेमियों से आगे आकर फिल्मों की फुटेज, उनसे जुड़े फोटो, पोस्टर, लॉबी कार्ड और ऐसी अन्य सामग्रियां जमा कराने की अपील की, ताकि उन्हें संरक्षित किया जा सके।
ग्लास स्लाइड तैयार करने केलिए उपयोग की जानेवाली फिल्मों के पॉजिटिव दरअसल फिल्मों के पोस्टर या समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए तैयार की जानेवाली प्रचार सामग्री के लघु रूप थे। ये ग्लास स्लाइड 1930 के दशक के उत्तरार्ध से लेकर 1950 के दशक के मध्य तक के शुरूआती तेलुगू सिनेमा के सचित्र इतिहास का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय चलचित्र के शुरूआती दशकों के दौरान तेलुगू फिल्मों के गौरव का पता लगाने वाले खूबसूरत फ्रेम पेश करते हैं। इस संग्रह के महत्व के बारे में एनएफएआई की प्रलेखन प्रभारी आरती कारखानिस ने कहा कि ये ग्लास स्लाइड तेलुगू सिनेमा उद्योग के शुरूआती वर्षों में प्रचार से जुड़े परिदृश्य का एक विहंगम दृश्य पेश करते हैं, संदर्भ के तौरपर इन स्लाइडों का फिल्मों से जुड़े शोधकर्ताओं केलिए बहुत बहुमूल्य है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इनका डिजिटलीकरण कर देंगे।
ग्लास स्लाइड्स के अधिग्रहण में विधवा पुनर्विवाह के बारे में नया चलन शुरु करने वाला वीवी राव का सामाजिक नाटक ‘मल्ली पेली’ (1939), चित्तूर वी नागैया अभिनीत बीएन रेड्डी की 'वंदे मातरम' (1939), लोकप्रिय हिट फिल्म ‘कीलू गुर्रम’ (1949), जिसमें अक्किनेनी नागेश्वर राव और अंजलि देवी ने अभिनय किया, एक और हिट फिल्म एनटी रामाराव अभिनीत फिल्म 'दासी' (1952), समीक्षकों द्वारा प्रशंसित शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की उत्कृष्ट कृति पर आधारित देवदास वेदांतम राघवैया की 'देवदासु' (1953), जिसमें अक्किनेनी नागेश्वर राव, सावित्री और ललिता केंद्रीय भूमिकाओं में थे और इसी किस्म की कई और महत्वपूर्ण फिल्में हैं। ये सभी ग्लास स्लाइड 1939 से लेकर 1955 तक की 70 तेलुगू फिल्मों को शामिल करते हुए ब्लैक एंड व्हाइट में हैं। पिछले साल भी एनएफएआई ने करीब 400 ग्लास स्लाइड्स प्राप्त की थीं। वर्तमान में एनएफएआई के संग्रह में हिंदी, गुजराती और तेलुगू फिल्मों की 2000 से अधिक ऐसी ग्लास स्लाइड हैं।

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