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Monday 20 September 2021 02:02:37 PM
बेंगलूरु। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बेंगलूरु के कॉफी बोर्ड मुख्यालय में कॉफी उत्पादकों, रोस्टरों, निर्यातकों एवं हितधारकों के साथ विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कॉफी अधिनियम को सरल बनाएगी और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देगी। पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कॉफी, चाय और मसालों पर अनुसंधान करेगी एवं कॉफी के सफेद तना छेदक कीट से निपटने केलिए भी सुझाव देगी। बैठक के महत्वपूर्ण नतीजे रहे, इनमें-वर्तमान कॉफी अधिनियम-1942 पर यह निर्णय लिया गया कि इस अधिनियम के प्रावधानों पर व्यापक तौरपर पुनर्विचार किया जाएगा और उन प्रावधानों को हटाया जाएगा, जो प्रतिबंधात्मक अथवा नियामकीय प्रकृति के हैं, ताकि एक सरल अधिनियम लाया जाए, जो कॉफी क्षेत्र की वर्तमान जरूरतों और उसके विकास केलिए अनुकूल हो।
कॉफी उत्पादकों ने सरफेसी अधिनियम के तहत बैंकों से जारी नोटिस के मद्देनज़र अपनी जमीन खोने की चिंता जताई। वाणिज्य मंत्री ने कॉफी उत्पादक समुदाय को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर संबंधित मंत्रालयों के साथ अनुकूल चर्चा की जाएगी और जल्द से जल्द एक उपयुक्त समाधान निकाला जाएगा। कॉफी निर्यातकों ने चिंता जताई कि अंतर्राष्ट्रीय फ्रेट दरों में वृद्धि के कारण भारतीय कृषि निर्यात कई जगहों केलिए गैर-प्रतिस्पर्धी हो गया है, यदि सरकार परिवहन एवं विपणन सहायता योजना के तहत कृषि निर्यातकों को अधिक मदद नहीं करेगी तो भारत को कृषि निर्यात केलिए कई बाजार हमेशा केलिए खोना पड़ सकता है। वाणिज्य मंत्री ने निर्यातकों को आश्वस्त किया कि मौजूदा संकट से निपटने केलिए टीएमए योजना के तहत कम से कम एक वर्ष तक कृषि निर्यात सहायता केलिए एक विशेष पैकेज पर विचार किया जाएगा।
वाणिज्य मंत्री ने कॉफी में व्हाइट स्टेम बोरर यानी सफेद तना छेदक कीट से कॉफी उत्पादकों को होने वाले नुकसान की गंभीरता को समझने और कॉफी बोर्ड की अनुसंधान शाखा के पास सीमित संसाधन होने के तथ्य पर विचार करते हुए उत्पादकों को आश्वस्त किया कि कॉफी व्हाइट स्टेम बोरर पर एक उन्नत शोध शुरू करने केलिए कृषि विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से अनुरोध किया जाएगा। बैठक में कॉफी बोर्ड के अध्यक्ष ने वाणिज्य मंत्री से अनुरोध किया कि वे सभी मौजूदा ऋणों को लंबी अदायगी अवधि के साथ एकल सावधि ऋण में पुनर्गठित करने की घोषणा करें। उन्होंने कम ब्याज दर पर नई कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। वाणिज्य मंत्री ने संकट के इस दौर में कॉफी उत्पादकों के साथ खड़े होने की बात कही। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों के साथ चर्चा में एक व्यवहार्य पैकेज तैयार करने का आश्वासन दिया।
वाणिज्य मंत्री ने कॉफी बोर्ड को किसानों के खेतों में विस्तार कर्मियों के दौरे, कार्यशालाओं, प्रदर्शनों, सेमिनारों सहित विस्तार गतिविधियों को रियल टाइम में अद्यतन करने के लिए एक डैशबोर्ड तैयार करने और उसकी प्रभावी निगरानी करने का निर्देश दिया। वाणिज्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि भारत सरकार का कॉफी बोर्ड को बंद करने का कोई इरादा नहीं है, हालांकि कॉफी उत्पादकों विशेष रूपसे छोटे उत्पादकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने केलिए कॉफी बोर्ड को वाणिज्य मंत्रालय से कृषि मंत्रालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है, इससे कृषि संबंधी सभी योजनाओं का लाभ कॉफी उत्पादकों को मिलना सुनिश्चित होगा। कॉफी हितधारकों ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को उनकी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और जवाब देने केलिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने भी वाणिज्य मंत्री को आश्वस्त किया कि वे कॉफी का उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे और कॉफी उत्पादकों को बेहतर रिटर्न दिलाने की दिशा में काम करेंगे।