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Monday 11 October 2021 05:38:40 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए आज इंडियन स्पेस एसोसिएशन का शुभारंभ किया और अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के दो महान सपूत भारतरत्न जयप्रकाश नारायण और भारतरत्न नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि आजादी के बाद के भारत को दिशा देने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको साथ लेकर सबके प्रयास से राष्ट्र में कैसे बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, इनका जीवन दर्शन हमें आज भी इसकी प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, उतनी पहले कभी नहीं रही। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लेकर भारत में जो बड़े सुधार हो रहे हैं, वो इसीकी एक कड़ी है। उन्होंने इंडियन स्पेस एसोसिएशन के गठन केलिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम स्पेस रिफॉर्म्स की बात करते हैं तो हमारी अप्रोच चार पिलर्स पर आधारित है, पहला-प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आजादी, दूसरा-सरकार की इनेबलर के रूपमें भूमिका, तीसरा-भविष्य केलिए युवाओं को तैयार करना और चौथा-स्पेस सेक्टर को सामान्य मानवों की प्रगति के संसाधन के रूपमें देखना। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा स्पेस सेक्टर 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम बना है। उन्होंने कहा कि स्पेस सेक्टर यानी सामान्य मानव केलिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा! साथ ही हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी इंटरप्रेंयोर्स केलिए शिपमेंट से डिलीवरी तक बेहतर स्पीड, मछुआरों केलिए स्पेस सेक्टर यानी बेहतर सुरक्षा के साथ-साथ आय तथा प्राकृतिक आपदा का बेहतर पूर्वानुमान का माध्यम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है, बल्कि एक वेल-थॉट, वेल-प्लांड, इंटिग्रेटेड इकोनॉमिक स्ट्रेटेजी भी है, एक ऐसी स्ट्रेटेजी जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के स्किल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को ग्लोबल पॉवरहाउस बनाए, एक ऐसी स्ट्रेटेजी जो भारत के टेक्नोलॉजीकल एक्सपर्टीज को आधार बनाकर भारत को इनोवेशंस का ग्लोबर सेंटर बनाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह एक ऐसी स्ट्रेटेजी है, जो ग्लोबल डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाएगी, भारत के ह्यूमन रिसोर्सेस और टेलेंट की प्रतिष्ठा विश्वस्तर पर बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज को लेकर केंद्र सरकार एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ज्यादातर सेक्टर्स को प्राइवेट इंटरप्राइजेज केलिए ओपन कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी एयर इंडिया से जुड़ा जो फैसला लिया गया है, वो हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 7 वर्ष में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को अंतिम छोर तक पहुंचाने और त्रुटिरहित पारदर्शी शासन के एक उपकरण के रूपमें परिवर्तित किया गया है। उन्होंने गरीबों केलिए आवास इकाइयों, सड़कों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में जियोटैगिंग के उपयोग का उदाहरण दिया, विकास परियोजनाओं की निगरानी सैटेलाइट इमेजिंग से की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग फसल बीमा योजना के दावों को निपटारे में हो रहा है, नाविक प्रणाली मछुआरों की मदद कर रही है, इससे आपदा प्रबंधन योजना भी बनाई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी को सभी केलिए सुलभ बनाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि भारत आज शीर्ष डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से है, क्योंकि हम डेटा की शक्ति को सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर स्तर पर उद्योग, युवा इनोवेटर और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने बताया कि एक मजबूत स्टार्टअप प्रणाली विकसित करने केलिए एक मंच का दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्लेटफॉर्म सिस्टम को एक विजन के रूपमें परिभाषित किया, जहां सरकार ओपन-एक्सेस सार्वजनिक नियंत्रित प्लेटफॉर्म बनाती है और इसे उद्योग एवं उद्यमों केलिए उपलब्ध कराती है तथा उद्यमी इस बुनियादी प्लेटफॉर्म पर नए समाधान तैयार करते हैं।
प्रधानमंत्री ने इसे यूपीआई के प्लेटफॉर्म के उदाहरण के साथ स्पष्ट किया, जो एक मजबूत फिनटेक नेटवर्क का आधार बन गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह के प्लेटफार्मों को स्पेस, भू-स्थानिक क्षेत्रों और विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग केलिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यक्रम में आए सुझावों और हितधारकों की सक्रिय भागीदारी से बहुत जल्द एक बेहतर स्पेसकॉम नीति और दूरसंवेदी (रिमोट सेंसिंग) नीति सामने आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देखा है कि 20वीं सदी में स्पेस और स्पेस पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया है, अब 21वीं सदी में स्पेस दुनिया को जोड़ने और युनाइट करने में अहम भूमिका निभाए यह भारत को सुनिश्चित करना होगा।