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Saturday 11 December 2021 02:13:07 PM
देहरादून। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड की समीक्षा के दौरान देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहाकि वे एक असाधारण सैन्य नेता थे और उनकी मृत्यु एक शून्य पैदा करती है, जिसे भरा नहीं जा सकता। राष्ट्रपति ने कहाकि हम आज यहां एकत्र हुए हैं, जब देश को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के सदमे से बाहर आना बाकी है। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड उनका घर था और उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षित किया गया था, भारतीय सैन्य अकादमी में उन्हें उनके असाधारण कौशल केलिए स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि जनरल बिपिन रावत ने आईएमए का गौरव बढ़ाया है, जो एक प्रेरक परंपरा वाली संस्था है, उनसे पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और कई असाधारण योद्धाओं और रणनीतिकारों ने यहां युवा कैडेटों और संभावित नेताओं के रूपमें अपनी यात्रा शुरू की, उनमें से कुछ ने हमारे देश की सुरक्षा और सम्मान केलिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि जेंटलमैन कैडेट, जो शीघ्र ही वीरता और ज्ञान की विशेषता वाले जीवन की यात्रा पर निकलेंगे, इस अकादमी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे। आईएमए में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर कैडेटों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सैनिकों और पुरुषों के नेताओं के रूपमें उनकी सेवा और समर्पण एक शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत की ताकत में इजाफा करेगा।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि हमें सैनिक अकादमी के कई शानदार पूर्व छात्रों मेंसे एक जनरल बिपिन रावत के गौरव और उनकी देश केलिए प्रतिष्ठापूर्ण उपलब्धियों को याद करना चाहिए, जो अपनी कड़ी मेहनत से भविष्य की पीढ़ी केलिए सैनिक आचरण के रोल मॉडल के रूपमें उभरे। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि हमारा झंडा हमेशा ऊंचा ही लहराएगा, क्योंकि यहां मौजूद जेंटलमैन कैडेट जैसे बहादुर लोग इसके सम्मान की रक्षा करेंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि राष्ट्र जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, वे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरपर एक जटिल सुरक्षा वातावरण के रूपमें परिभाषित हैं, इसलिए कैडेटों को यह ध्यान रखना चाहिएकि केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती ही उन्हें देश केलिए आधुनिक समय के खतरों से निपटने केलिए तैयार नहीं करेगी, सैन्य नेता के रूपमें उन्हें एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करनी होगी, एक अनुकूली स्वभाव विकसित करना होगा, सैन्य कौशल को सुधारने केलिए मानसिक लचीलापन हासिल करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें उन अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने केलिए सदैव तैयार रहना चाहिए, जो हथियारों का पेशा उनकी सेवाओं के विभिन्न अवसरों पर उनके सामने पेश करेगा। पासिंग आउट परेड में अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम मित्र देशों के जेंटलमैन कैडेटों को देखकर राष्ट्रपति प्रसन्न हुए। उन्होंने कहाकि हम अपने राष्ट्रों केबीच विशेष बंधन को संजोते हैं और यह भारत केलिए बहुत गर्व की बात हैकि मित्र देशों के ऐसे अच्छे अधिकारी और सज्जन आज यहां से स्नातक हुए और हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि वे आईएमए में अपने प्रशिक्षण के दौरान अपने सहयोगियों और प्रशिक्षकों केसाथ बने मित्रता के अनूठे बंधन को जीवंत बनाए रखेंगे।